परिभाषा :अल्ज़ाइमर्स रोग में दिमाग में कुछ परिवर्तन आजातें हैं जो वक्त के साथ बद से बदतर हो जातें हैं ।
अल्ज़ाइमर्स डिमेंशिया का एक प्रमुख कारण बना हुआ है .
डिमेंशिया का मतलब है क्या ?
डिमेंशिया दिमागी विकारों का एक ऐसा समूह कहा माना जा सकता है जो बोध(कोगनिटिव फंक्शन ) और सामाजिक कौशल (हुनरमंदी )को ले उड़ता है .धीरे धीरे इनकी उग्रता रोजमर्रा के कामों के भी आड़े आने लगती है ।
अल्ज़ाइमर्स रोग में दिमागी कोशायें (ब्रेन सेल्स अप -विकास की अवस्था से गुज़रते ,डी -जेनरेट होते हुए , नष्ट ही होने लगतीं हैं इसीलिए इसे न्यूरो -डी -जेंरेटिव- डिस -ऑर्डर भी कह दिया जाता है .
यही याददाश्त के छीजने और मानसिक क्रियाकलापों के कमतर होते चले जाने की वजह भी बनता है ।
रोग का दवा -दारु से इलाज़ और रोग प्रबंधन रणनीतियां निश्चय ही रोग के लक्षणों में सुधार ला सकतीं हैं ,प्रकार्यों(सामाजिक और मानसिक प्रकार्यों ) में शिरकत भी बढा सकतीं हैं लेकिन अस्थाई तौर पर ही .बेशक इस दरमियान साल ६ महीना मरीज़ अपने काम खुद करताआत्मनिर्भर होता दिखलाई देता है ।
रिसर्च का एक लक्ष्य नए नए इलाजों का अन्वेषण और मर्ज़ को बढ़ने से रोकना है ,बचावी उपाय भी .काम ज़ारी है इसिदिशा में ।
(ज़ारी ..).
सोमवार, 18 अप्रैल 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें