हिस्टीरिया इतिहास के झरोखे से :
पश्चिमी जगत में १७वी शती तक हिस्टीरिया को इक ऐसी मेडिकल कंडीशन से जोडके देखा जाता था जिसका सम्बन्ध औरतों से है तथा महिलाओं के गर्भाशय में होने वाले विक्षोभ (डिस्टर्बेंस )से ,विकारों से इसका नाता है । ग्रीक भाषा में हिस्टेरा का मतलब ही यूट्रस है ।
इस शब्द प्रयोग का श्रेय हिप्पोक्रेट्स को ही दिया जाता है हालाकि हिप्पोक्रेट्स के आलेखों में यह शब्द प्रयोग नहीं मिलता है ।
बेशक हिप्पोक्रेटिक कोर्पस में सफोकेशन तथा हेराक्लेस डिजीज का ज़िक्र है जिसके होने की वजह औरत के शरीर में यूट्रस के भ्रमण को ही बतलाया गया है ,समझा जाता था , यह कुछ बोडिली- फ्लुइड्स के कम होजाने पर हल्का और सूख जाता है और इसीलिए शरीर में इक जगह से दूसरी जगह जाने घूमने लगता है ।
गर्भ धारण करने को इसके समाधान के रूप में प्रस्तुत किया गया है हिप्पोक्रेट्स के आलेखों में .अनुमान यह रहा है इस धारणा के पीछे ,मैथुन क्रिया गर्भाशय को आद्रता प्रदान करती है तथा रक्त प्रवाह को द्रुत कर देती है .सर्क्युलेशन में सुधार लाती है ।
१८५० के आने तक हिस्टीरिया का ज़िक्र(खासकर फिमेल हिस्टीरिया का चर्चा ) सेक्स्युअल डिस -फंक्शन के रूप में किया जाने लगा .
समाधान बतलाया गया -काय -चिकित्सक (फिजिशियन द्वारा )द्वारा असर ग्रस्त महिला के प्रजनन अंगों का मसाज (स्तिम्युलेशन)।
बाद में यही काम वाटर -स्प्रेज़ और वाइब्रे -टार्स से किया जाने लगा ।
(ज़ारी ...).
सोमवार, 25 अप्रैल 2011
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2 टिप्पणियां:
हिस्टीरिया पर अच्छी जानकारी -
shukriya zanaab kaa !hauslaa badhaate rahiye ,aksar aisi tippani lekhan ko jivant banaaye rakhne me madad karti hai .
veerubhai.
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