एडिक्शन टू कोस्मेटिक सर्जरी इसी के तहत आयेगा .जिन लोगों को प्लास्टिक सर्जरी की लत नहीं पड़ी है वह इक प्रोसीजर के बाद संतुष्ट हो जातें हैं ।
प्लास्टिक सर्जरी एडिक्ट इक और इक और ही करता रह जाता है .उन्हें अपने नाक नक्श में कम्बेशी ही नजर आती रहती है .सूडोल नारंगियाँ भी उन्हें बेमेल और विकृत लगतीं हैं .किसी भी हिस्से के प्रति लगातार सोचते रहतें हैं ये शरीर के जबकि वह बेमेल नहीं होता है .इनका अपने रूप लावण्य को लेकर नज़रिया ही विकृत हो जाता है .(ज़ारी...)
रविवार, 3 अप्रैल 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें