मसलन कुछ बच्चे विज्युअल स्किल्स में तो खरे उतरतें हैं लेकिन भाषा गत उप -परीक्षणों में पिछड़ जातें हैं ।
सीजर्स :ऐसे विकारों से ग्रस्त चार में से इक बच्चा या तो बाल्य -अवस्था के आरंभिक चरण में या फिर किशोरावस्था में दाखिल होते ही सीजर्स का शिकार हो जाता है .जिसकी वजह दिमाग में होने वाली अ-सामान्य विद्युत् गति -विधि बनती है आकस्मिक विद्युत् स्पंद ,इलेक्ट्रिकल डिस -चार्ज बनतें हैं .
नतीजा अस्थाई अचेतन अवस्था से लेकर बॉडी कन्वल्ज़ंन ,अन -युज्युअल मूवमेंट्स ,या फिर स्टारिंग स्पेल्स हो सकता है जिसमे आत्म विमोही देर तक किसी एक चीज़ को घूरता रह सकता है .कई मर्तबा इस अ -सामान्य इलेक्ट्रिकल डिस -चार्ज की वजह नींद न ले पाना तथा तेज़ ज्वर (हाई -फीवर से पैदा दिलीरियम ,दिमागी गफलत )भी बनती है ।
अलबत्ता दिमागी बिजली का रिकार्ड ई ई जी से लेकर सीज़र्स की पुष्टि के बाद एंटी -कन्वाल्संस ड्रग्स की न्यूरोलोजिस्ट न्यूनतम मात्रा (मिनिमम डोज़ )देकर ही ऐसे दौरे रोक देता है .(ज़ारी ...)
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