रविवार, 10 अप्रैल 2011

प्रोब्लम्स देत मे एकाम्प्नी औतिस्म स्पेक्ट्रम डिस -ऑर्डर्स (ज़ारी ...)

फ्रेजाइल एक्स -सिंड्रोम :आत्मविमोह से ग्रस्त ५%लोगों को "फ्रेजाइल एक्स -सिंड्रोम "से ग्रस्त पाया गया है जबकी इस सिंड्रोम(फ्रेजाइल सिंड्रोम ) से ग्रस्त १०-१५%लोगों में भी आटिज्म के लक्षण मुखरित होतें हैं ।
मेंटल अव -मन्दन (मेंटल रितार्देशन )से ताल्लुक रखने वाला यह आम विकार है .इसमें एक्स क्रोमोजोम का एक हिस्सा दोषपूर्ण रह जाता है जो सूक्ष्म दर्शी के नीचे रखने पर पिंच किया हुआ या फिर फ्रेजाइल दिखलाई देता है .,इसीलिए इस विकार को फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम कहा जाता है .
यदि माँ -बाप दूसरा बच्चा प्लान कर रहें हैं तब यह निहायत ज़रूरी है जो बच्चा पहले से आत्म विमोह से ग्रस्त है , उसकी जांच इस फ्रेजाइल एक्स -सिंड्रोम के लिए करवाई जाए ।
क्योंकि ऐसा पाए जाने पर यदि दूसरा बच्चा भी लडका होता है तब यह संभावना प्रबल रहती है दूसरा लड़का भी इस सिंड्रोम से ग्रस्त रहे (पैदा होने वाले दो लडकों में से एक के मामले में ऐसा हो सकता है )।
परिवार के दूसरे दम्पति भी जो बच्चा चाह रहें हैं ये परीक्षण करवा सकतें हैं ऐसी माहिरों की हिदायत रहती है .
अलबत्ता यह साफ़ होना चाहिए बाप से ये विकार सिर्फ और सिर्फ लडकियों में जाएगा (क्योकि लडकी में बाप से विकार ग्रस्त एक्स ही जाएगा वाई नहीं जो वैसे भी असर ग्रस्त नहीं है )."ए फिमेल इज एन एक्स एक्स इन्दिविज़्युअल "।ए मेल इज ए एक्स एक्स इन्दिविज़्युअल .
जबकि माँ से ये विकार लड़कों और लड़कियों में से दोनों को जा सकता है क्योंकि उसके पास देने के लिए सिर्फ हैं ही एक्स क्रोमोज़ोम्स .और यदि इनमे से एक पर उत्परिवर्तन के बाद जीन आ बैठी है म्युतेतिद जीन है तब लडकों और लड़कियों के लिए माँ की तरफ से बराबर बराबर (५०-५० %)ख़तरा इस सिंड्रोम की चपेट में आने का बना रहेगा भले ही बाप के दोनों क्रोमोज़ोम्स सामान्य हों .एक्स भी और वाई भी .वाई से तो इस सिंड्रोम का ख़तरा वैसे भी नहीं है . .(ज़ारी...)

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