डाइट -री एंड अदर इंटर -वेंसंस फॉर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस -ऑर्डर्स।
अपने बच्चे की हर तरह से बेहतरी के लिए माँ -बाप नए नए इलाजों की तलाश में रहतें हैं इनमे से कुछ नामचीन थिरेपिस्ट द्वारा तैयार किये होते हैं तो कुछेक असर ग्रस्त बच्चों के माँ -बाप द्वारा .एक अ -पुष्ट इलाज़ जहां एक बच्चे को फायदा भी पहुंचा सकता है वहां यह ज़रूरी नहीं है वह किसी दूसरे बच्चे पर भी कारगर रहे .
असर की पुष्टि के लिए नैदानिक परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल्स ,रेंडम तथा डबल ब्लाइंड फोल्ड्स ट्रायल्स )ज़रूरी होते हैं तभी ऐसे इलाजों को मान्य समझा जाता है ।मंज़ूरी मिलती है ।
तभी तुलना की जा सकती है उनकी जिन्हें यह इलाज़ मिल रहा तथा उन सबकी जिन्हें नहीं मिल रहा है .यहाँ ऐसे ही इंटर -वेंशन की चर्चा हम करेंगे जो कुछ के मामले में कारगर सिद्ध ज़रूर हुए हैं लेकिन जिनकी एफिकेसी और निरापदता अभी पुष्ट होना बाकी है .
डाइट -री इंटर -वेंशंस:
खुराक से इलाज़ के पीछे यह धारणा काम करती है ,कुछ खाद्यों से होने वाली एलर्जीज़(प्र्त्युर्जात्मक प्रतिक्रियाएं ) ऑटिज्म की वजह बन सकती है ,कुछ खनिज लवण(मिनरल्स ) और विटामिनों की कमीबेशी से भी ऑटिज्म के कुछ लक्षण प्रकट हो सकतें हैं .बेशक माँ बाप यदि इन्हें आजमाने का फैसला करतें हैं तो यह बराबर ध्यान देना पडेगा कहीं उनका बच्चा इनके चलते अंडर-नारिश्मेंट तो नहीं ले रहा ,कुपोषित तो नहीं रह जाएगा ।
अलबत्ता ग्लयुतेंन रहित (ग्लूटेन फ्री )खुराक ,कैसीन फ्री खुराक को असरकारी समझा गया है कुछ माँ -बाप द्वारा .ग्लूटेन कैसीन जैसा ही एक पदार्थ (दो प्रोटीनों का मिश्र )है जो कई सीरियल्स (खाद्यान्नों के बीजों )के सीड्स मे पाया जाता है .
गेंहू ,जै(ओट),रए तथा बार्ले (जौं)में इसका बाहुल्य रहता है ।
कैसीन दूध से प्राप्त एक मुख्य प्रोटीन है ।
अब ग्लूटेन और कैसीन तो अनेक खाद्यों में रहता है ऐसे में आप किस किस को छोड़ियेगा ,कौन कौन से खाद्यों से परहेज़ रखियेगा .इसलिए इस खुराक पर कायम रहना खासा मुश्किल है ।
विटामिन बी -६सप्लिमेन्त (सम्पूरण )को भी कई माँ -बाप आत्म विमोह विकारों में लाभदायक मानतें हैं जिसे मैग्नीशियम के साथ लिया जाता है जो इनके असर को बढा देता है .अलबत्ता रिसर्च स्टडीज़ के परिणाम मिले जुले रहें हैं कुछ को इससे फायदा हुआ है सकारात्मक रेस्पोंस मिला कुछ को नुकसान तथा कुछ मामलों में यह निष्प्रभावित रहा है या फिर नाम मात्र का ही प्रभाव देखने को मिला है .
सेक्रेटिनके स्तेमाल पर भी गत दिनों चर्चा चली है जिसे अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था ऍफ़ डी ए की भी स्वीकृति प्राप्त है ,पता चला है इसकी सिंगिल खुराक गैस्ट्रो -इन्तेस्तिनल डायग्नोसिस में सहायक रहती है ।
अलबत्ता किस्से सुने गएँ हैं कि यह ऑटिज्म के कुछ लक्षणों में सुधार लाती है ,जिनमे स्लीप पैट्रन से लेकर आई कोंटेक्ट तक शामिल हैं .भाषागत प्रवीणता तथा एलर्ट -नेस भी शामिल है ।
अलबत्ता कई नैदानिक परीक्षणों में सेक्रेतिन या फिर प्लेसिबो दोनों का ही प्रभाव ना -मालूम सा ही पड़ा है आत्म विमोह विकारों के लक्षणों पर .(ज़ारी ...)
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