बुधवार, 6 अप्रैल 2011

व्हाट इज नार्सिसिस्तिक पर्स्नालेती डिस -ऑर्डर ?

व्हाट इज नार्सिसिस्तिक डिस -ऑर्डर ?
नारसीसिज्म एक विशेषण हैं जिसका सम्बन्ध एक ऐसे व्यक्ति से है जो आत्मकेंद्रित,आत्म -प्रेम (आत्म -रति )से ग्रस्त रहता है .एक ऐसा स्वकेंद्रित व्यक्ति जो "मी फस्ट एंड मी आलवेज़ राईट "के मुगालते में रहता है ,औरों के नज़रिए को भी खुद के प्रति बदलने का भ्रम पाले रहता है ,आत्म -शलाघा में (सेल्फ एडमिरेशन )में एक्सट्रीम तक चला जाता है आत्म प्रेम से ग्रस्त माना जाता है ।नार्सिशिस्त माना जाता .
वास्तव में नारिसिस्ज्म एक यूनानी कथा के अनुसार ,एक मिथ के अनुसार एक ऐसा व्यक्ति है जो पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखकर खुद से ही बेपनाह प्यार करने लगता है जिसे इसकी सजा भी मिलती है .उसका नाम नार्सिसस था इसलिए इस व्यक्तित्व विकार से ग्रस्त व्यक्ति को "नार्सिसिस्तिक पर्स्नालेटी डिस -ऑर्डर" से ग्रस्त माना जाने लगा है .
यह एक नाटकीय व्यक्तित्व विकार है तकरीबन एक फीसद अमरीकी इसकी चपेट में माने जाते हैं अलबत्ता यह आकलन किस आधार पर किया गया है विधिवत अध्ययनों के अभाव में इसका कोई समुचित प्रमाण नहीं है ।
इस विकार से ग्रस्त व्यक्ति तीव्र और अस्थिर संवेगों (अन -स्टेबिल इमोशंस )से ग्रस्त रहता है अपनी खुद की छवि भी विकृत (डिस -टोर्तिद)बनी रहती है उसके लिए जो एक फेंटेसी ज्यादा होती है यथार्थ से इसका कोई लेना देना नहीं होता है ।खुद को" नार्सिसस" मान बैठता है यह .,यूनानी कथा के राजकुमार की तरह सुदर्शन .
अपने को औरों से नाहक ही श्रेष्ठ मानने समझने लगता है वी .आई. पी .(वेरी इम्पोर्टेंट पर्सन भारतीय नेताओं की तरह )मानने लगता है ,अतिरिक्त कामयाबी और ताकत का नकली गुरूर इसे घेरे रहता है .जबकि अन्दर से इसका एहम बहुत ही फ्रेजाइल होता है ,कांच से भी ज्यादा नाजुक ,भय भीत और असुरक्षित होता है ये प्राणी ।
कह सकतें हैं एक फेंटेसी इसका प्री -ओक्युपेशन होता है कामयाबी और ताकत की .घमंड इसे घेरे रहता है . एक आत्म विश्वाश का नखलिस्तान (नकली आत्म विश्वाश )यह अपने गिर्द बुनता रहता है .,जिसका असलियत से दूर दूर तक रिश्ता टूटा रहता है ।
अपने लिए लक्ष्य भी यह अप्राप्य ,बुनता रहता है .(ज़ारी ....)

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