शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

दिल्युस्जन परिभाषा और ....

दिल्युश्जन ,प्रामाणिक परिभाषा क्या है ?
१९१७ में मनोरोग विद और दार्शनिक कार्ल जस्पेर्स ने एक किताब लिखी थी "जनरल साइको -पैथो -लोजी "इसमें चर्चा की थी ,कब किसी बिलीफ को धारणा या विश्वाश को "दिल्युश्जन " /दिल्युजन माना जाए ?क्या हैं वो आधार ,क्राई -टेरिया?
(१)सर -टेंटी(दृढ मान्यता और विश्वाश के साथ जिसपे कायम रहा जाए ),फर्म्नेस ऑफ़ ,बिलीफ,जो वास्तव में गलत हैं ).
(२)इन -कोरिजिबिलिती (इम -पोसिबिल टूचेंज ,जिसे किसी भी विध बदला ,सुधारा न जा सके .ऐसा विचार या धारणा ,भले तर्क और साक्ष्य इसके विपक्ष में अनेक हों )।
(३)इम्पोसिबिलिती ऑर फाल्सिती ऑफ़ कंटेंट (एक दम से अविश्वाश्य ,अनोखा आश्चर्य में डालने वाला अजीबो गरीब ख्याल ,एक दम से सफ़ेद झूठ ,असत्य )।
नवीनतर "डायग्नोस्टिक एंड स्तेतिस्तिकल मेन्युअल ऑफ़ मेंटल डिस -ऑर्डर्स के अनुसार :दिल्युश्जन एक भ्रांत धारणा /फाल्स बिलीफ है जो वास्तिविकता से बहुत दूर गलत निष्कर्ष पर आधारित रहता है भले सारी दुनिया इसके विपरीतऔर इसके खिलाफ असलियत के सबूत जुटाए वो वाली बात है "हजरते दाग जहां बैठ गए ,बैठ गए ,पत्थर की लकीर की तरह होती है यह गलत धारणा दिल्युश्जन ग्रस्त व्यक्ति के लिए ।
न्युरोलोजिकल तथा मेटल" इलनेस के अलावा अनेक रोगात्मक श्थितियों में दिल्युजन देखने को मिलतें हैं ।
कितने वर्ग हैं इन भ्रांत धारणाओं और विश्वाशों के ?/टाइप्स ऑफ़ दिल्युजंस ?मेंटल इलनेस पढ़ें मेटल इलनेस को .
मोटे तौर पर चार आगे उनके उपवर्ग हैं :
(१)बिज़ा दिल्युजन (एक दम से अविश्वाश्य ,अजीब जैसा कभी हो नहीं सकता वैसा, मसलन असर ग्रस्त व्यक्ति कहे किसी पर -ग्रह -वासी ,भौमेतर प्राणिने मेरा "भेजा"/ ब्रेन -नि -काल लिया है ।
(२)नॉन -बीजा -दिल्युजन :बेशक एक ऐसा दिल्युजन जो कमसे कम संभव है जैसे असर ग्रस्त व्यक्ति कहे "मैं २४ घंटा पोलिस की निगरानी में हूँ ,पोलिस मुझ पर नजर रखे है ,आई एम् अंडर हाउस अरेस्ट .हालाकि ऐसा है नहीं उसकी खाम- खयाली है ,भ्रांत धारणा है जिसे वह कतई बदलने को तैयार नहीं है .चाहे कोई जितना समझा बुझाले ।
(३)मूड कोन्ग्र्युएन्त दिल्युजन :ऐसी भ्रांत धारणाएं(हालाकि वह गलत हैं ) जिनकी कमसे कम बाई -पोलर इलनेस की डिप्रेसिव या फिर मेनियाक फेज़ (मेनिक एपिसोड )से संगति बैठती हो .मसलन असरग्रस्त व्यक्ति का यह सोचना न्यूज़ एंकर्स उससे सहमत नहीं है ,उसकी उपेक्षा कर रहें हैं ,उसकी अवमानना कर रहें ,उसे ना -पसंद करतें हैं .या फिर बाई -पोलर इलनेस के मेनिक चरण में व्यक्ति खुद को स्वामी राम देव या एक शक्ति शाली देव ही मानने लगे ।
(४)मूड -न्यूट्रल दिल्युजन :एक ऐसा दिल्युजन जिसका सम्बन्ध असर ग्रस्त व्यक्ति की संवेगात्मक /भावात्मक /रागात्मक मन :स्थिति से संगति न बैठती हो .मसलन व्यक्ति यह समझने लगे उसकी गर्दन के पीछे एक अंग और विकसित हो गया है या कि यह उसकी एक ब्रेस्ट गायब हो गई है .(ज़ारी ...)

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