सोमवार, 11 अप्रैल 2011

कोम्प्रिहेंसिव डायग्नोस्टिक इवेल्युएशन फॉर ऑटिज्म स्पेक्ट

कोम्प्रिहेंसिव डायग्नोस्टिक इवेल्युएशन फॉर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस -ऑर्डर्स .(ज़ारी ....)
गत पोस्ट से आगे ......
रोग निदान के मूल्यांकन में माहिरों द्वारा "चाइल्ड हुड ऑटिज्म रेटिंग स्केल (सी ए आर एस )का भी स्तेमाल किया जाता है .इसका मकसद बच्चे के द्वारा किये गए ,बॉडी मूवमेंट्स ,अड्प-टेशन टू चेंज (किसी भी बदलाव को अपनाना ,ग्रहण करना ,करने की क्षमता ),किसी भी उद्दीपन रेस्पोंस को सुनना (लिसनिंग रेस्पोंस ),मौखिक संवाद सम्प्रेषण अपनी बात कह पाने की क्षमता (वर्बल कम्युनिकेशन )तथा लोगों से सम्बन्ध आदि का जायजा लगाया ,लिया जाता है .यह दो साल से ऊपर के बालकों के अनुरूप और उनके लिए उपयुक्त रहता है .इसीके मद्दे नजर यह स्केल तैयार किया गया है ।
इसमें एग्ज़ाऐमिनर बच्चे को ऑब्जर्व करता है ,तथा ज़रूरी और सम्बद्ध सूचनाये बच्चे के बारे में उसके माँ -बाप से जुटाता है .उनकी ही उम्र के दूसरे बच्चों से कितना हठ्के ,कितना डिवी -एन्ट है उनका व्यवहार इसी के आधार पर
इस स्केल पर बच्चे की रेटिंग की जाती है .(ज़ारी ...)

2 टिप्‍पणियां:

Dr Varsha Singh ने कहा…

INFORMATIVE POST....

virendra sharma ने कहा…

shukriyaa !haulaa afzaai ke liye .
veerubhai .