सोमवार, 4 अप्रैल 2011

व्हाई आर डार्क चोकोलेट्स कन्सिदर्द ए ग्रेट डिलीवरी सिस्टम फॉर प्रोबायोटिक्स ?

व्हाई आर डार्क चोकोलेट्स कंसी -दर्ड ए ग्रेट डिलीवरी सिस्टम फॉर प्रो -बायोटिक्स ?
दूसरे स्रोतों से प्राप्त प्रो -बायोटिक्स हमारे उदर तक तो पहुँच जातें हैं लेकिन स्टमक एसिड (पेट में बनने वाला तेज़ाब )सेहत के लिए उपयोगी इन तमाम जीवाणुओं में से ज्यादर को नष्ट कर देता है ।
डार्क चोकोलेट्स इन माइक्रो -ओर्गेनिज्म को इन्केप्स्युलेट करके सीधे आंत(हमारी अंतड़ियों ,गट)तक ले जाती है ,उदरीय तेज़ाब से ये बचके निकल जातें हैं .डार्क चोकलेट्स से प्राप्त प्रो -बायोटिक्स की सर्वाइअव्ल दर शेष स्रोतों से प्राप्त इस माइक्रो -ओर्गेनिज्म के असरकारी बने रहें से तीन गुना ज्यादा पाई गई है .ब्राज़ील के विश्व -विद्यालय में संपन्न इक अधययन ने इसकी पुष्टि की है ।
अलावा इसके गट में पहुँचने के बाद ये न सिर्फ वृद्धि करतें हैं गट फ्लोरा से हानिकारक जीवाणुओं को बे -दखल करके दाइजेस्तिव स्ट्रेस को कम करतें हैं ।
अमरीका में यही डाई -जेस्तिव स्ट्रेस अनेक पाचन सम्बन्धी विकारों (डाई -जेस्तिव डिस -ऑर्डर्स)की वजह बनता है जिनमे अतिसार (,डायरिया ),कब्ज़ (कोंस्तिपेशन )आम हैं .इन पर राज्य का सालाना तकरीबन १०५ अरब डॉलर खर्च हो जाता है .तकरीबन नौ करोड़ पचास लाख अमरीकी -इंटेस -टिनल फंक्शन से -ग्रस्त -रहतें हैं .इर्रितेबिल बोवेल सिंड्रोम की चपेट में आतें हैं हर साल ,-.(ज़ारी..)

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