बेहद का मानवीय एहसास है पैरानोइया .हर किसी को इसका एहसास कभी न कभी हुआ होगा ,कमोबेश .अविश्वाश से लेकर आशयों के गलत संकेतों तक से लेकर सब कुछ को अपने दायरे में लेकर गलत ढंग से हर चीज़ ,व्यक्ति को बूझने का सिलसिला इसके दायरे में आजाता है .ऐसे हरेक इंटर -पर्सनल रिलेह्सन पर पैरानोइया की छाया पडती है ।
रिसर्चों के मुताबिक़ तकरीबन ६%औरतें तथा १३ %मर्द इक दूसरे के इरादों को परस्पर अविश्वाश के चलते गलत समझ लेतें हैं .
लेकिन कुल ).०.५% मर्दों और ०.२५%औरतों को ही रोग निदान के बाद पैरानोइड पर्सनेलेती डिस -ऑर्डर से ग्रस्त पाया जाता है .अलबत्ता मर्दों में इसकी पूर्वापरता ,प्रवणता ,पैरानोइड ट्रेट्स औरतों की बनिस्पत ज्यादा क्यों देखे जाते हैं ,क्यों मनो -विकारों के संग चस्पा पैरानोइड फीचर्स मर्दों में ज्यादा मिलतें हैं यह अनुसंधान का विषय है .(ज़ारी...)
गुरुवार, 7 अप्रैल 2011
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