शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

मोर अबाउट सुपर बग(ज़ारी...).

गत पोस्ट से आगे ....
व्हेन डिड "सी आर के पी "फस्ट इमर्ज?
माहिरों को इनका इल्म गत एक दशक से रहा है .सबसे पहले ये उत्तरी केरोलिना में इमर्ज हुए ,न्यू -योर्क में भारी परेशानी का सबब बने ,मन्हाटन में .केलिफोर्निया में यह व्यापक प्रसार पा चुके हैं .केलिफोर्निया के लिए सुपर बग की यह स्ट्रेन नै नहीं है .अलबत्ता इस मर्तबा संक्रमण की दर ज्यादा है और इसी लिए ये ख़बरों में हैं ।
हाव कैन वी एवोइड सी आर के पी इन्फेक्शन ?
नर्सिंग होम्स और अस्पताल तो आपको जाना ही पडेगा इसलिए आप विशेष कुछ कर भी नहीं सकते अस्पतालों को ही इस दिशा में सचेत रहते पहल करनी होगी ।
पहला काम है इनकी (ओर्गेनिज्म )की शिनाख्त ,दूसरा इनकी कल्चर नाम- चीन लेब्स को भेजना ।
"सी .डी. सी." की मानक प्रथक्करण टेकनीकों (आइसोलेशन टेक्नीक्स )
का पालन करना .जो संक्रमित हो चुके हैं उन्हें क्वारेन -टाइन करना (संग -निरोधन करना उनका ) ।
केयर टेकर्स ,नर्सों ,डॉक्टरों को गाउंस पहनने होंगें ,दस्ताने पहनने के बावजूद भी बारहा ज़रूरत के अनुरूप हाथ धोने पड़ेंगे ,मरीज़ और उनके तीमारदारों को भी इस दिशा में सचेत रहते हुए उन्हें स्मरण करवाना होगा हाथ धोने के प्रति .
गली मोहल्ले में घुमते हुए यह संक्रमण पकड़ने इससे संक्रमित होने के मौके नहीं के बराबर ही हैं .इन्हें घातक इसलिए समझा जाता है यह न सिर्फ प्रसार पातें हैं म्यु -टेट भी करतें हैं ,उत्परिवर्तितहोतें हैं (रूप बदलतें हैं )इसीलिए लेदेकर एंटी -बायोटिक "कोलीस्तिन "ही इनकी थोड़ी बहुत काट के लिए बचा है जिसके बेहद के विषाक्त पार्श्व प्रभाव ,अवांच्छित असर हैं ,किडनी डेमेज की वजह बनता है "कोलिस -टिन".इनमे से भी कुछ कोलीस्तिन के प्रति भी प्रति -रोध खडा कर चुकें हैं .ऐसे में इनसे प्रति -रक्षा के इंतजामात फिल वक्त सीमित भी हैं लचर भी ,चाक चौबस्त नहीं .

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