व्हाई आर नॉट फार्मा -स्युतिकल्स कम्पनीज पुटिंग मोर रिसोर्सिज इनटू एंटी -बायो-टिक्स ?
इस मामले में वह पहले ही हाथ खड़े कर चुकें हैं .नए असरकारी एंटी -बायो -टिक्स का विकास करना आसान भी नहीं है ,तमाम ईजी ड्रग्स खोजी जा चुकीं हैं ,अलावा इसके एंटी -बायो -टिक्स मरीज़ को अच्छा कर देतें हैं दवा कम्पनियां ऐसा क्यों चाहेंगी ?उन्हें यह हमेशा रास भी नहीं आता .उनके लिए ऐसी दवाएं लाभ का सौदा हैं जिन्हें आप त़ा -उम्र लेतें हैं जैसे कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाएं ,स्तेतिन्स ,अवसाद -रोधी दवाएं (एंटी -डिप्रेसेंट्स )।
अलावा इसके विनियमन सम्बन्धी नियम भी काफी सख्त हैं जिनकी ऍफ़ डी ए से मंजूरी लेनी पडती है कुल मिलाकर कानी के ब्याह को सौ जोखो .झमेले ही झमेलें हैं नए एंटी -बायो-टिक्स के विकास में ।
अलावा इसके क्लिनिकल तेस्टिंग्स के कई चरणों को पार करना होता है किसी भी नै दवा को .कोई निर्धारित क्राई -टेरिया नहीं बन पाया है क्लिनिकल ट्रा -याल्स को लेकर बीच चरण में भी कामयाबी के मानक बदल दिए जातें हैं .यह सब बड़ा दुखद ही नहीं रोड़ा भी है नए एंटी -बायो -टिक्स के विकास की राह में .(ज़ारी ....)
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011
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