अवसाद का सटीक कारण ,वजह हाल -फिलाल अनुमेय ही है .कुछ रिसर्चरों के अनुसार यह दिमाग में कुछ रसायनों के अ - संतुलन की वजह से होता है ,इस असंतुलन की वजह खानदानी विरासत भी हो सकती है ,हादसे भी ,जिनके साथ व्यक्ति तालमेल नहीं बिठा सका था ।
गौर तलब है पूर्व में "डिप्रेशन "को इक स्वतंत्र रोग "ट्र्यू क्लिनिकल डिप्रेशन "का दर्जा हासिल न था .अब मानसिक रोगों के वर्गीकरण में इसका अलग दर्ज़ा और जगह है ,बाईपोलर इलनेस की दिप्रेशिव फेज़ से अलग है ये ।
कुछ डिप्रेशन कई खानदानों में चले आरहें दिखलाई देतें हैं .लेकिन डिप्रेशन की गिरिफ्त में आने के लिए फेमली हिस्ट्री का होना ज़रूरी नहीं है ,बाकी लोग भी इसकी चपेट में आतें हैं जिनके परिवारों में .वंशवेल में इसका पूर्व वृत्तांत ,ज़िक्र नहीं रहा है .
जीवन में आये दवाब कारी बदलाव ,कुछ गर्दिशें ,घटनाएं ,भी अवसाद को प्रेरित कर सकतीं हैं ।
अकसर कई घटकों का घालमेल अवसाद की वजह बनता है ।
सभी उम्र के ,समाज के सभी तबकों के ,सभी नस्लों के लोगों में अवसाद देखने को मिल जाएगा .
अब तो बच्चे भी ,किशोर भी इसकी चपेट में आरहें हैं (कई मर्तबा परीक्षाओं का ढांचा ,परीक्षा में प्रदर्शन ,बड़ों की अतिरिक्त अपेक्षाएं ,खुद की महत्व -कान्क्षाओं का आरोपण बालगोपालों में करना भी इसकी वजह बना है ,बन रहा है ।).
बहुत सारी बातें ,घटक अपना योगदान देतें हैं अवसाद को प्रेरित करने में :
(१)एल्कोहल और ड्रग एब्यूज ।
(२)चली आई गहरी यारी -दोस्ती का यकायक टूट जाना ,(माशूका का शहर छोड़ कर ही चले जाना ) ,परीक्षा में ना -काम -याब रहना (प्रतियोगी परीक्षा में रह जाना ),लम्बी बीमारी ,परिवार में किसी की मृत्यु ,माँ -बाप में सम्बन्ध विच्छेद (किशोरावस्था के अवसाद की वजह बनते देखे गएँ हैं )।
(३)बचपन में उपेक्षित रहे आना ,चाइल्ड एब्यूज (अपनों के द्वारा ही हर दर्जे की और हद दर्जे की,हुई ,की गई बद्सूलिकी ).का शिकार बनना .
(४)तलाक होना ,अज़ीज़ दोस्त की असामयिक मृत्यु का होना ,कामकाज से बर्खास्त कर दिया जाना .मंदी ,बे -रोजगारी जन्य तनाव ।
(५)बुढापे में अलग थलग पड़ जाना .एक का साथ छोड़ के चले जाना दम्पति में से .यानी सामाजिक तौर पर अकेले पड़ जाना ,सामाजिक अलगाव ,सोशल आइसो -लेशन।
(६)नींद सम्बन्धी समस्याओं का बने रहना ।
(७)कुछ रोग भी अवसाद की वजह बनतें हैं मसलन हाई-पो -थाई -रोइड -इज्म .शामक और हाई -ब्लड प्रेशर में प्रयुक्त दवाओं का सेवन .कैंसर ,दीर्घावधि बने रहने वाले अन्य रोग (मेजर इलनेस ),देर तक पीड़ा से निजात न मिल पाना ,पैन का बने रहना ,चाहें फिर वह दर्द जोड़ों का हो या कुछ और ।
(ज़ारी ...).
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें