भ्रात धारणा व्यक्तित्व विकार से ग्रस्त व्यक्ति की ठीक होने की संभावना क्या रहती है और क्या इससे बचाव संभव है ?
साक्ष्यों के आधार पर कहा जा सकता है ,१० % मरीजों की स्थिति में सुधार ज़रूर होता है लेकिन भ्रांत धारणाएं और इनसे जुड़े अतार्किक विश्वाश ज़ारी रहतें हैं ।
३३-५० %का रोग (रोग के लक्षण )दब जातें हैं लेकिन ३०-४०%में सुधार के कोई चिन्ह दिखलाई नहीं देतें हैं लक्षण बने रहतें हैं ।
जहां तक प्रोग्नोसिस, ठीक होने का सवाल है वह मरीज़ के भ्रांत धारणाओं से जुड़े रहने की प्रबलता ,अटल विश्वाश तय करता है साथ ही वह कितना रिसेप्तिव रहता है खुले दिमाग से भ्रांत धारणा के खिलाफ जाने वाले साक्ष्यों को लेता देखता है यह भी प्रोग्नोसिस को तय करता है ।
बचाव और बचावी उपाय ?
इस दिशा में कोई विशेष काम नहीं हुआ है इसलिए अधिक कुछ नहीं कहा जासकता .असरकारी तरीके कौन से हैं बचावी इनकी शिनाख्त और परख होनी अभी बाकी है .(समाप्त )
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011
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