धन्यवाद ज्ञापन करना मेरा परम -पावन कर्तव्य है ,चिठ्ठे पे मीठी -मीठी चुटकियाँ लेने की प्रेरणा मुझे "चिठ्ठाकार "मान्यवर श्री सुनील कुमार से मिली ।
दो पंक्तियों पर उनका आशीर्वाद चाहूँगा -
धन्य भाग हमारे ,
जो आप चिठ्ठे पे म्हारे पधारे ।
वीरुभाई .
शनिवार, 30 अप्रैल 2011
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3 टिप्पणियां:
:)
vah vah vah .......
kaajal kumar aur sunil kumaarji dono kaa shukriyaa adaa kartaa hoon .
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