गुरुवार, 9 सितंबर 2010

महाविस्फोट के पल में सृष्टि घोर अव्यवस्था ग्रस्त थी

यूनिवर्स एट बिग -बेंग वाज़ केओटिक(मुंबई मिरर ,पृष्ठ २५ ,साइंस -टेक्नोलोजी ,सितम्बर ९,२०१०)।
कुछ भी बात करने, रिपोर्ट करने से पहले कुछ पारिभाषिक शब्दों को समझ लिया जाए ।
केओटिक :ऐसा सिस्टम जो पूरी तरह अव्यवस्थित हो ,बे काबू हो ,और केवल केओस सिद्धांत से जिसकी व्याख्या की जा सके .
केओस थियोरी :ए थिएरी देट कोम्प्लेक्स नेच्युरल सिस्टम्स ओबे सर्टेन रूल्स बट आर सो सेंसिटिव देट स्माल इनिशियल चेंज़िज़ कैन कोज अन -एक्स -पेक्टिद फाइनल चेंज़िज़ (रिज़ल्ट्स )दस गिविंग एन इम्प्रेशन ऑफ़ रेन - डमनेस।
केओस इज अर्लीयेस्ट कंडीशन ऑफ़ यूनिवर्स ,दी अन -बाउन्दिद स्पेस एंड फॉर्म लेस मैटर सपोज्ड टू हेव एग्ज्हिस्तिद बिफोर दी क्रियेशन ऑफ़ दी यूनिवर्स ।
अब रिपोर्ट की बात की जा सकती है .गणितीय तर्कों के सहारे साइंसदानों ने सिद्ध किया है ,महाविस्फोट के वक्त सृष्टि का विस्तार घोर अव्यवस्था से ग्रस्त था .नोर्थ -वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के भौतिकी -विद अदिल्सों मोत्टर कहतें हैं ,ना सिर्फ यह अव्यवस्था निरपेक्ष (एब्सोल्यूट ,विद -आउट रिलेटिड टू एनी थिंग एक्सटर्नल )थी इसकी शिनाख्त करने वाले उपकरण (टूल्स ,युक्तियाँ ,औज़ार )भी परम -निरपेक्ष (एब्सोल्यूट )थे ।
सृष्टि के विकास से सम्बंधित सबसे ज्यादा स्वीकृत मॉडल पर जब इसकी(इन टूल्स की ,गणितीय तर्कों की ) जांच की जाती है तब पता चलता है सृष्टि अपने विकास के प्रारम्भिक क्षणों में एक दम से अव्यवस्थित अवस्था में थी .
भौतिकी की एक चिरकालिक समस्या इस बात की शिनाख्त करना रहा है ,केओस -"दी फिनोमिना बाई व्हिच टाइनी इवेंट्स लीद टू वेरी लार्ज चेंज़िज़ इन दी टाइम इवोल्यूशन ऑफ़ ए सिस्टम ,सच एज दी -यूनिवर्स -इज एब्सोल्यूट ऑररिलेटिव इन सिस्टम्स ग्वर्न्द बाई जनरल रिलेटिविटी व्हेयर दी टाइम इटसेल्फ़ इज रिलेटिव .

एक व्याख्या यह है ,केओस(यानी अव्यवस्था )प्रेक्षक का गुण हो सकता है ,ना की उस प्रणाली (सिस्टम )का जिसका प्रेक्षण लिया गया है ,प्रेक्षक के द्वारा ।
अध्ययन बतलाता है ,अलग अलगभौतिक प्रेक्षक एक बात पर ज़रूर सहमत होंगें ,प्रणाली (निकाय या सिस्टम )केओटिक है .
अध्ययन जर्नल कम्युनिकेशंस इन मेथेमेटिकल फिजिक्स में प्रकाशित हुआ है .

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