विटामिन -बी कैन हाल्ट ओंसेट ऑफ़ अल्झाइमर्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर ,१०,२०१० ,पृष्ठ १९ )।
एक नवीन अध्ययन के अनुसार विटामिन -बी सम्पूरण की बड़ी खुराक का रोजाना सेवन करने से ना सिर्फ न्युरोलोजिकल दिजेंरेतिव डिजीज अल्झाइमर्स को मुल्तवी रखा जा सकता है ,थामा भी जा सकता है .ब्रेन -एत्रोफी(दिमागी श्र्निकेज़ ,सिकुडन )की रफ्तार को भी कम किया जा सकता है ।
अध्ययन के अनुसार बुजुर्गों में खुराक के साथ विटामिन -बी सम्पूरण की बड़ी खुराक रोजाना दिए जाने से दिमागी श्रीन्केज़ की रफ्तार आधी रह सकती है .ब्रेन एट -रोफी एक चेतावनी है इस रोग की ।
बेशक श्रीन्केज़ कुदरती तौर पर भी होता है बुढ़ाने के क्रम में लेकिन जिन लोगों में माइल्ड कोगनिटिव इम्पेयर्मेंट के लक्षण देखे जातें हैं उनमे इस सिक्डाव की दर बढ़ जाती है .यह पूर्व संकेत है अल्झाइमर्स और दूसरे दिमेंशियाज़ के आ धमकने का ,व्यक्ति को अपनी गिरिफ्त में लेते चले जाने का ।
ब्रितानी माहिरों के अनुसार जिन्होनें इस अध्ययन को आगे बढाया है ,विटामिन इलाज़ रोग को ना सिर्फ बढ़ने से बल्कि पूरी तरह थामे भी रख सकता है ,बेशक अभी और अध्ययन -विश्लेषण की ज़रुरत पेश है ।
ऑन लाइन , जर्नल, पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ़ साइंस वन में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार ७० साल से ऊपर उम्र के १६८ बुजुर्गों में जिन्हें माइल्ड कोगनिटिव इम्पेयर्मेंट डायग्नोज़ हो चुका था ,ब्रेन -एट -रोफी का अध्ययन किया गया .दो साला इस अध्ययन के दौरान इनमे से आधे बुजुर्गों को खुराक के साथ विटामिन बी फोलेट की बड़ी खुराक ,बी -६ और बी -१२ एक गोली के रूप में दी गई .बाकी को एक प्लेसिबो गोली दी गई जिसमे यह एक्टिव इन्ग्रेदियेंट्स नहीं थे ,छद्म गोली थी यह ।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइंसदानों ने यह ट्रायल संपन्न किया .नतीजे बहुत ही नाटकीय रहे ।
औसतन विटामिन बी वर्ग में ब्रेन एट -रोफी की रफ्तार ३० फीसद कम रही .कुछ माम लों में यह ५६ %तक कम रही ।
एक अनुमान के अनुसार दुनिया भर में तकरीबन तीन करोड़ सत्तर लाख लोग डिमेंशिया के साथ रहने को विवश हैं इनमे से अधिकतम लोग अल्झाइमर्स से ग्रस्त हैं .गहरे निहितार्थ हैं इस अध्ययन के .
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