जब किसी स्ट्रिंग (तार )को हवा में तेज़ी से हिलाया जाता है तब यह हिस हिस या फुसफुसाहट जैसी ध्वनी पैदा करता है .क्यों ?
दरअसल तार को जल्दी जल्दी तेज़ी से गति घुमाने डुलाने पर तार को वायु के प्रति -रोध के खिलाफ गति करनी होती है .यह वायु -प्रति -रोध बल ही तार में कम्पन पैदा कर देता है .ध्वनी कास्वर या तारत्व पैदा कम्पनों की आवृत्ति पर निर्भर करता है .जब यह फ्रीक्युवेंसी निम्न स्तरीय (कम कम्पन प्रति -सेकिंड )की होती है ध्वनी ,फुसफुसाहट (कान में कोई बात कहने जैसी),व्हिस्परिंग सी और लेकिन गति की तीव्रता ज्यादा रहने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई सीटी बजा रहा हो .जैसे कई संगीत विदों ने व्हिसलिंग का ,होठों से बजाने वाली सीटी का बा -खूबी फिल्म संगीत में स्तेमाल किया है .मच्छर की भींन भींनसे कौन वाकिफ नहीं है ?और रिंग मास्टर का हंटर भी उच्च आवृत्तियो की ध्वनी पैदा करता है .बागवान का गोपा भी जो वह पक्षियों को भगाने के लिए हवा में तेज़ी से फटकारता है उच्च तारत्व लिए होता है .हाई -पिचड साउंड के तहत आयेगा .
सोमवार, 6 सितंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें