गुरुवार, 9 सितंबर 2010

माइक्रोब्स चट कर रहें हैं खाड़ी में फैले तेल को

माइक्रोब्स ग्लोब्लिंग अप बी पी आयल विदाउट यूजिंग ऑक्सीजन (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर ९ ,२०१० ,पृष्ठ २१ ).
अमरीकी सरकार के साइंसदानों ने जो समुन्दर में फैले(बी पी डिजास्टर ) तेल को ठिकाने लगाने के उपाय ढूंढ रहे थे ,एक अच्छी खबर दी है ,सूक्ष्म जीवाणु खाड़ी में एक विस्तृत क्षेत्र में समुन्दर की सतह पर फैले तेल को तेज़ी से चट कर रहें हैं .अच्छी बात यह है जल में घुलित ऑक्सीजन इससे बे -असर है .समुन्दर में कहीं भी डेड जोंस नहीं पैदा हुएँ हैं इसलिए मछलियोंऔर इतर समुंदरी जीवों के लिए अस्तित्व का कोई संकट पैदा नहीं हुआ है .पानी की ऑक्सीजन डिमांड ज्यों की त्यों है ।
और इसी केसाथ बी पी तथा सरकार का वह फैसला सही साबित हुआ है जिसके तहत गहरे समुन्दर में केमिकल दिस्पर्सेंट्स की विशाल राशि छोड़कर तेल को छितराने का फैसला लिया गया था .साइंसदान भी इस फैसले से सहमत हैं .ताकि सतह पर पहुँचने से पहले तेल के अणु टूट कर एक बड़े क्षेत्र पर बिखर जाएँ ।
केमिकल डिस -परसेंट :ए लिक्युइड ऑर गैस देत फेसिलितेट्स ऑर इम्प्रूव्स दी डिस -पर्शन ऑफ़ स्माल पार्तिकिल्स ऑर ड्रॉप लेट्स ।
जो कुछ हुआ वह पूर्व अनुमानों पर सही उतरा ,तेल के अणु सतह पर आने से पहले टूट गए और अब माइक्रोब्स उन्हें चट कर रहें हैं .बेशक कुछ इलाकों में जल मेघुलित ऑक्सीजन का स्तर २०% तक कम हो गया है .यह वह इलाके हैं जहां तेल फैला था लेकिन यह समुन्दर में डेड जोंस पैदा करने के स्तर से कम है .इससे समुंदरी जीवन महफूज़ है .

कोई टिप्पणी नहीं: