शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

कब जाया जाए दांतों के डॉ के पास ?

हरेक छ: माह के अंतर से डेंटल सर्जन (डेंटिस्ट )के पास जाया जाए ताकि समय रहते चिकित्सा आरम्भ हो सके .मामला चाहें फिर खाली दांत की मँजाई(स्केलिंग )का हो या पायरिया (ब्लीडिंग गम्स का हो )या दांतों के खोखला होते जाने का .केविटीज़के बन जाने से ताल्लुक रखता हो .(थेंक्स टू ठंडा यानी कोको कोला )।
माहिर दांतों का ,आपके दांतों का ,आपके गालों के अंदरूनी अस्तर का ,तालू ,और सोफ्ट टिस्यू का पूरा मुआयना करेगा ।
बच्चों के मामले में खासकर जिनके दांत निकल रहें हैं इल्म हो जाएगा दांत सही जगह उग रहें हैं अलाइन -मेंट्स ठीक हैं या नहीं .अपनी जगह से हठकर आड़े तिरछे ,उलटी सीधी दिशा में नहीं हो लिए .ऐसे में जल्दी कारवाई की जा सकती है .सर्जिकल इंटर -वेंशन ठीक समय पर हो सकता है ।
एक ही जगह पर दांतों के ज़म घट को टाला जा सकता है .ब्रेसिस की ज़रूरत टाली जा सकती है .आपको दोबारा भी और बारबार भी बुलाया जा सकता है दांतों की स्थिति का जायजा लेने के बाद .तीन से ज्यादा केविटीज़ का पता चलने पर ,मसूड़ों का रोग संक्रमण होने पर आपको हर तीन माह के बाद भी बुलाया जा सकता है .जिन- जिवाई -टिस होते होते ही ठीक होती है ।
बहुत ज़रूरी है डेंटल क्लिनिक की साफ़ सफाई (प्रेशर से उपकरणों की सफाई ,दस्तानों का दिस्पोज़ेबिल स्तेमाल )पुख्ता करना .फिर आपका डॉ आपको ज़रूरी जानकारी भी तो दे .आपकी सुने आपको ठीक से समझाए .सुनिश्चित कर लीजिये ये सब बातें डॉ के बारे में .tabhi विज़िट कीजिये .

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