विटामिन -ए मेक्स ब्रेस्ट फीडिंग विद एच आई वी मोर रिस्की (दी ट्रिब्यून ,चंडीगढ़ सेप्टेम्बर १ ,२०१० ,पृष्ठ १४।).
साइंसदानों ने पता लगाया है उन महिलाओं के लिए जो एच आई वी पोजिटिव हैं स्तन पान के दौरान विटामिन -ए तथा बीटाकेरोटिन सम्पूरण का सेवन माँ से शिशु को पहुँचने वाले संक्रमण के खतरे के वजन को और भी बढा देता है .ऐसा करने से एच आई वी का स्राव माँ के दूध में अपेक्षा कृत ज्यादा होने लगता और और और और ।
aur इसी के साथ माँ से बच्चे तक पहुँच सकने वाले खतरे का वजन भी बढ़ जाता है ।
स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ ,मिशिगन यूनिवर्सिटी के साइंसदान कहतें हैं ,माँ से एच आई वी संक्रमण बच्चे तक इसलिए पहुंचता है ,माँ का दूध वायरल पार्टिकल्स का वाहक होता है .और बच्चा तो पीता ही माँ का दूध है ।
ऐसा प्रतीत होता है स्तन पान करवाने वाली एच आई वी पोजिटिव महिलाओं के विटामिन -ए तथा बीता सम्पूरण लेने से वायरस की मात्रा में इजाफा हो जाता है ।
अलावा इसके यही पुष्टिकर तत्व सब क्लिनिकल मॉस -ताई -तिस के पनपने के अवसर पैदा कर
देतें हैं .इस रोग संक्रमण में ब्लड प्लाज्मा रिस कर मेमरी ग्लेंड्स में दाखिल हो जाता है .और यहाँ से सहज ही माँ के दूध में आजाता है .संग आजातें हैं अतिरिक्त विषाणु (वायरल पार्तिकिल्स )गरीब देशों मेंएच आई वी पोजिटिव महिला द्वारा संतान को स्तन पान करवाने से, २००८ में दर्ज़ कुल ४,३० ,०००नए मामलों में से ९५ फीसद मामले शिशु संक्रमण के ही थे ।
इसलिए अक्ल मंदी नहीं है गर्भवती एच आई वी पोजिटिव महिला द्वारा भी गर्भकाल में इन सम्पूरकों का सेवन .
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