गत पोस्ट से आगे ....
अपने अध्ययन में मेक्स प्लांक इंस्टिट्यूट फॉर इन्फेक्सन बायोलोजी ,बर्लिन के साइंसदानों ने चूहों को स्पोरो -ज़ोइट्स से संक्रमित करवाया .इस एवज मलेरिया इन्फेक -टिड मच्छरों का स्तेमाल किया गया ।
स्पोरो -ज़ोइट्स जल्दी ही चूहों के लीवर में पहुँच कर द्विगुणित होने लगे .देखते ही देखते ये रोग कारक ब्लड स्टेज सेल्स में तब्दील हो गये जिन्हें "मिरो -ज़ोइट्स "कहा jaataa hai .lekin antibiotics के स्तेमाल ने inhen vaastav में red ब्लड cells में daakhil होने से rok कर मलेरिया को multavi karvaa diyaa ।
beshak मच्छर ने ek aisi सिरिंज का काम किया jisne लीवर में rogkaarak (paithojans )pahunchaaye lekin antibiotics ने inhen liver में falne foolne (grow )nahin होने diyaa .इस prakaar choohe मलेरिया ki chapet में aane से saaf bach gaye ,itnaa ही nahin aaindaa के liye bhi inme रोग prati -rakshan (immunity )paidaa हो gai .antibiotics dono saste aur sahaj sulabh the :azithromycin aur clindamycin.generic dvaayen vaise bhi sasti pdtin hain .gareeb deshon के liye इस risarch के gehre nihitaarth hain .daasiyon laakh logon को इस tarike से मलेरिया के haathon maut के muh में jaane से bachaayaa jaa sakegaa .
बुधवार, 1 सितंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें