अकसर गम गलत करने को तनाव के लम्हों में राहत के भ्रम में किशोर सिगरेट सुलगा लेतें हैं .मुगालता यह रहता है सिगरेट एक मूड एलीवेटर है ,लो से हाई में ले आएगी ,खिन्नता और अवसाद को परे सरका देगी ,होता ठीक इसका उलटा है .अवसाद (बे -चैनी,खुद से ही रूठना ,खुद को नाकारा समझना ,आत्म हीनता) की स्थिति में ही ले आती है, यह बारहा तनाव के क्षणों में सिगरेट सुलगाने की किशोर किशोरियों की आदत ।
हालाकि मुगालता सिगरेट पूरा बना देती है ,खुश्फेहम ,सेल्फ मैडी - केटिंग इफेक्ट्स का .लगता है सब ठीक है "ओ भैया आल इस वेळ "लेकिन हकीकत ठीक इसके उलट है ।
टोरोंटो विश्व विद्यालय के साइंसदानों के मुताबिक़ सिगरेट नोशी (बीडी -सिगरेट पीने की लत)के दीर्घावधि प्रभाव अवसाद पैदा करतें हैं .डिप्रेसिव हैं ।
अवसाद के लक्षणों का आकलन करने के लिए रिसर्चरों ने अपने अध्ययन में एक स्केल का प्रयोग किया .भागीदारों से जिन्होनें अध्ययन में शिरकत की पूछा गया -(१)कितनी बार आप रोजमर्रा की जिंदगी में थके मांदे अ -समर्थ ,असहाय कुछ भी करने में अपने को पातें हैं ?(२)सोने में दिक्कत होती है .करवटें बदलतें हैं .गहरी नींद नहीं ले पातें हैं ?(३)खुद को बिगड़े हुए मूड में उखडा उखडा पातें हैं .जीवन की खुशी से महरूम ?(४)निराश ,भविष्य के प्रति ,अन -आश्वस्त ?पलड़ा अवसाद की तरफ झुक गया ।
सन्दर्भ सामिग्री :स्मोकिंग मे कोज डिप्रेशन इन टीन्ज़(हेल्थ नोट्स ,वेलनेस /दी ट्रिब्यून ,चंडीगढ़ ,सेप्टेम्बर १ ,२०१० ,पृष्ठ १४ ).
बुधवार, 1 सितंबर 2010
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