शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

कितने तारे हैं इस सृष्टि में ?

एक थाल मोती से भरा ,सबके सिर पे औंधा धरा
चारों और वो थाली फिरे ,मोती उस से एक न गिरा ।
ये पहेली गेलेक्सीज़ से ताल्लुक रखती है .सवाल यह है कि गेलेक्सीज़ कुल हैं कितनी और औसतन एक नीहारिका (गेलेक्सी )में कितने सितारे होतें हैं .सृष्टि में कुल कितने सितारे हैं .काल सागान इस सवाल पर अति उमंग और उत्तेजना से उमंग से भर जाते थे .अब तक के अनुमानों के अनुसार तो यही समझा जाता था इस सृष्टि में १०० अरब (हंड्रेड बिलियन )से लेकर १,००० अरब (वन ट्रिलियन )गेलेक्सीज़ हैं .और एक नीहारिका में औसतन १०० अरब से लेकर एक ट्रिलियन तक ही सितारे होतें हैं .इस प्रकार कुल सितारों कीसंख्या आएगी 'वन सेक्स -टीली -यन ' शब्दों में हंड्रेड ट्रिलियन टाइम्स ए बिलियन .लेकिन ताज़ा अनुमानों के अनुसार यह संख्या इस से भी तीन गुना ज्यादा है यानी गोचर सृष्टि में ३०० ट्रिलियन टाइम्स वन बिलीयन सितारे हैं ।इसे समझने के लिए ३ के अंक के आगे २३ बिंदी जड़ दीजिये .
दो बातें एक नए अध्ययन से सामने आईं हैं. एक तो यह, सारी गेलेक्सीज़ हमारी मिल्की -वे गेलेक्सीज़ जैसी नहीं हैं .दूसरी सृष्टि में रेड जाइंट्स की तादाद पहले लगाए गए अनुमानों से कहीं ज्यादा है (कुल सितारों की आबादी का यह ८० फीसद तक हो सकतें हैं ).यह अन्वेषण विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुएँ हैं ।बस इसी के साथ सृष्टि में कुल सितारों की तादाद तीन गुना हो जाती है .अध्ययन में तारा -भौतिकी विद एवं खगोल विज्ञान के माहिर शामिल रहें हैं .याले विश्वविद्यालयके खगोल विदों ने इसका नेत्रित्व किया है शरीक हारवर्ड के साइंसदान भी रहें हैं ।
अध्ययन में इलिप्तिकल गेलेक्सीज़ से आने वाले प्रकाश का अध्ययन विश्लेसन किया गया है .पता चला इन नीहारिकाओं में लाल दानवों की भरमार है .रेड जाइंट्स तारों के विकास की वह अंतिम प्रावस्था है जिसमे सूरज जैसे बौने सितारे अपना सारा हाइड्रोजन ईंधन हजम कर जाने के बाद पहले फ्रूल के कुप्पा हो जातें हैं .पृथ्वी जैसे ग्रहों को लील जातें हैं और बाद में ठन्डे हो जातें हैं .दे आर कूल स्टार्स ।कूल मीन्स रिलेतिवली लेस हॉट .
खरबों पृथ्वियां इन सितारों के गिर्द घूम रहीं हैं .खगोल विज्ञान के माहिरों की इसीलिए इनमे दिलचस्पी है .पतायह भी चला है इन नीहारिकाओं में पहले लगाए गए अनुमानों के बरक्स बहुत कम डार्क मैटर है .बेशक इनके केंद्र में अनदेखा अनजाना ,अबूझ पदार्थ मौजूद है यह तो ज्ञात था लेकिन यह डार्क ही है ?स्टेलर बॉडीज की शक्ल में है यह किसी को नहीं पता ।
स्टेलर मीन्स रिलेटिड टू स्टार्स यानी तारकीय .साइंसदानों ने इन नीहारिकाओं (इलिप्तिकल गेलेक्सीज़ ) से आने वाले प्रकाश का स्पेक्त्रमीय विश्लेषण किया है .
लाल दानव सितारे (रेड जाइंट्स स्टार्स )दृश्य प्रकाश उतना नहीं छोड़ते की उनकी पृथ्वी से टोह ली जा सके लेकिन लेकिन किसी भी गेलेक्सीज़ की कुल ग्लो ,चमक और सुर्खी को असर ग्रस्त तो कर ही देतें हैं .इन नीहारिकाओं में कुछ वेव्लेंग्थ्स (छोटे छोटे रेनबो के अंश ) गायब हैं ,मिसिंग हैं .ये एब्ज़ोर्प्शन लाइनें रेड जाइंट्स ने ही पैदा की हैं .नीहारिकाओं में इन्हीं की भरमार है ।
तमाम नीहारिकाएं भी यकसां नहीं है .वहां कुछ और घटित हो रहा हो सकता है .जो हो नीहारिकाओं के उद्भव और विकास पर इस अध्ययन से नै रौशनी पड़ सकती है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-हाव मैनी स्टार्स आर देयर ?३ फोलोड बाई २३ जीरोज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,दिसंबर ३ ,२०१० ,पृष्ठ १९ ).

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