बाइज़ेन्ताइन ज्युऊज़ के दौर की रवायत और संस्कृति की याद ताज़ा कर दी है केम्ब्रिज विश्व -विद्यालय की एक ताज़ा तरीन शोध ने जिसने बाइबिल के एक भूले बिसरे चेप्टर का खुलासा किया है ।
पता चला है ज्युऊज़ , बाइबिल के यूनानी संस्करण में आस्था रखते थे .यह विश्वास परमपरा गत धारणा के प्रतिकूल है .कई सौ सालो तक पूजा स्थलों पर बाइबिल का यही यूनानी संस्करण लोगों को उपलब्ध कराया जाता रहा है .जहां तक याद पड़ता है यह परम्परा चलती आई है ।
मिश्र के एक प्राचीन पूजा स्थल से यूनानी संस्करण की एक पांडुलिपि का मिलना ,इस विचार कोएक पुख्ता आधार प्रदान करता है .इनमे से कुछ के तो कुछ ही अंश मिलें हैं ।
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें