भारत में सर्विक्स कैंसर के एक लाख छबीस हज़ार मामलें हर साल दर्ज़ होतें हैं .यह दुनियाभर में दर्ज़ मामलों का २६ % है ।
लक्षण ?
इर्रेग्युलर पीरियड्स ,दो पीरियड्स के बीच में असामान्य ब्लीडिंग (रक्त -स्राव ),मैथुन के बाद इर्रिटेशन (जलन और दर्द )इसके आम लक्षण हैं ।
शिनाख्त ?
पेपिलोमा जांच ?
गर्भाशय मुख से खुरचन लेकर ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस जांच से इसका पुख्ता रोग निदान (शिनाख्त ) हो जाता है .तीस साल से ऊपर कि महिलाओं को इस जांच के लिए आगे आना चाहिए .जल्दी रोग शिनाख्त पुख्ता इलाज़ की पहली शर्त है ।
कारण ?
मल्टिपल -सेक्स्युअल पार्टनर्स ,बिना डॉक्टरी परामर्श के तरह तरह की गर्भ -निरोधी गोलियों का असुरक्षित सेक्स के बाद स्तेमाल ,शरीर के कुदरती हारमोन तंत्र के साथ छेड़छाड़ करता है .अलबत्ता हारमोन असंतुलन से पैदा रक्त स्राव दो माहवारी के बीच वैसे भी हो सकता है .लेकिन मैथुन में दर्द और बाद मैथुन सफ़ेद पानी के साथ रक्त स्राव सर्विक्स कैंसर की तरफ इशारा है .बार बार एबोरशन करवाना भी सर्विक्स कैंसर की वजह बन सकता है .संतानों के बीच कम अंतर ,प्रजनन -अंगों की साफ़ सफाई के प्रति ला -परवाही भी इसे हवा देतें हैं .औरत और मर्दों के लिए यह संभाल और एहतियात ज़रूरी है ।प्रजनन अंगों की मैथुन के बाद साफ़ सफाई .
किमो -थिरेपी ,रेडियेशन थिरेपी के संग साथ 'कैंसर -हीलर 'इम्म्युनो -थिरेपी भी आजमाई जा सकती है जो सामान्य कोशाओं को एक कवच पहना देती है .इम्म्युनो -थिरेपी 'कैंसर की मेटा -स्तेसिस'एक अंग से दूसरे अंग तक कैंसर के फैलाव को भी लगाम लगा देती है । जहां कहीं कैंसर कोशायें दिखलाई देती हैं ,पहले से बघनखे पहने कवच धारी नोर्मल सेल्स इन पर धावा बोल कर इन्हें नष्ट कर देतीं हैं .
चैनल 'केयर -वर्ल्ड 'कैंसर हीलर 'चिकित्सा को बारहा समझा रहा है .डॉ .क्रिश्नाज़ कैंसर हीलर थिरेपी इन दिनों बेहद लोक -प्रिय हो रही है .कैंसर हीलर .कोम /कैंसर हीलर .इन इम्म्युनो -थिरेपी के बारे में और जानकारी मुहैया करवाएगी .
रविवार, 19 दिसंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें