रविवार, 26 दिसंबर 2010

हैंगोवर से बचाव के लिए .....

डीलिंग विद ए बेड हैंग -ओवर ?ट्राई हनी ऑन टोस्ट !ड्रिंक ए ग्लास ऑफ़ मिल्क .टेक वाटर बिफोर गोइंग टू बेड(यु /मुंबई मिरर ,सन्डे ,दिसंबर २६ ,२०१० ,पृष्ठ २७ )।
बेशक दारु पीने के बाद व्यक्ति सुरूर में आ जाता है .आनंद कि अनुभूति होती है .बेफिक्री भी .कुछ लोग मौज मौज में बेहिसाब पी जातें हैं (वीक एंड बिंज ड्रिंकिंग कर लेतें हैं )नतीज़ा होता है ,सिर दर्द और नौज़िया ,मिचली ।
क्यों होता है यह हैंग ओवर ?
दरअसल हमारा शरीर तंत्र एल्कोहल को टोक्सिक उत्पाद एसिटल -डिहाइड में तब्दील कर देता है .शहद और गोल्डन सिरप में फ्रक्टोज की लोडिंग(प्राचुर्य ) एसिटल -डिहाइड को सरल और हानि -रहित उप -उत्पादों में तब्दील कर देता है ।
अलावा इसके शहद सोडियम और पोटाशियम लवणों की खान हैं जो एल्कोहल से पैदा टोक्सिंस से पार पाने में शरीर की मदद करतें हैं ।
सोने से पहले एक ग्लास दूध का सेवन एल्कोहल की ज़ज्बी को कम करके एसिटल -डिहाइड की उग्रता को घटाता है .खूब पानी पीना भी काम आता है ।
सुबह उठकर हनी ऑन टोस्ट का तो ज़वाब ही नहीं .हैंग ओवर से जूझने के लिए कार्बो -हाई -ड्रेट्स रिच ब्रेकफास्ट ज़रूरी है .शहद सर्वोत्तम है .

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