नथिंग इज केमिकल फ्री :
यकीन मानिए कोई भी खाद्य रसायन रहित नहीं होता है .सभी केमिकल कंपाउंड्स का जोड़ तोड़ हैं .एवरी थिंग इज मेड ऑफ़ केमिकल्स ,इट्स जस्ट ए केस ऑफ़ व्हिच वंस ।
मार्किटिंग फंडा है डितोक्स:इसके लिए किसी महंगे नुश्खे किसी बहु -विज्ञापित ,अतिरिक्त तौर पर हाइप कीगई 'डी -टोक्स डाइट 'की ज़रुरत नहीं है .कुदरती ताकत है आपके रोग प्रति -रोधी तंत्र में विषाक्त पदार्थों को निकाल बाहर करने की .आखिर आप वमन करतें हैं .विजातीय पदार्थों को छींक के ज़रिये खारिज करता है इम्यून सिस्टम .और फिर टोकसिफाई ही क्यों करतें हैं शरीर को .किया है बरसों में तो किसी ख़ास खुराक से कैसे डी -टोक्सिफाई हो जाएगा .बस टोक्सिफाई करना बंद करदें .बाकी काम खुद बा खुद हो जाएगा ।
देयर इज नो नीड टू बूस्ट :बॉडी -ली फंक्शन्स अकर विद -आउट बूस्टिंग ।
फिर भी न जाने क्यों फंसते हैं नाम चीन लोग 'ड्यू -बियस डाईटओं 'के कुचक में .......?
(१)कुछ नाम चीन हस्तियाँ 'मेपिल सिरप ',लेमन (नीम्बू )तथा मात्र"पेपर 'पर गुज़र बसर करतीं हैं .वह भी एक दिन नहीं दो नहीं पूरे एक पखवाड़े तक .आप नाम ले सकतें हैं नओमी कैम्पबेल का ,अश्तों कुत्चेर तथा डेमी मूर का ।
(२)एनर्जी और फिटनेस को बनाए रखने के लिए कुछ लोग 'होलोग्रेम एम्बीडिद सिलिकोन ब्रेसलेट 'पहने रहतें हैं .दविड़ बेककहम ,केट मिद्द्लेटों से क्षमा याचना सहित ।
एक शख्शियत अपने खाने की तमाम चीज़ों पर चारकोल छिड़क कर खाती है .नाम है 'सरह हार्डिंग '।
कागे फिघ्टर अलेक्स रिद 'रिएब्सोर्ब्स ' हिज़ स्पर्म्स .
गुरुवार, 30 दिसंबर 2010
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