दुनिया भर में हर पांचवां दम्पति संतान हीन है ऐसे में इन -वीट्रो -फर्टिलाई -जेशन आम हो चला है .लेकिन इसकी कामयाबी के भी कुछ गुर रिसर्च -दानों के हाथ लगें हैं ।जो अकसर खासी कम रही है .
'वन एम्ब्रियो बेटर देन टू इन आइवीएफ़ ':डी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,दिसंबर २३ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
एक नै शोध के मुताबिक़ आइवीएफ़ ट्रीटमेंट ले रहीं उन औरतों के मामले में कामयाबी की दर ज्यादा रहती है जो एक मर्तबा में एक ही एम्ब्रियो इम्प्लांट करवातीं हैं .एक साथ दो एम्ब्रियो इम्प्लांट करवाने से फोर्स्ड एबोरशन/मिस्केरिज के मौके ज्यादा हो जातें हैं .बेहतर है यही काम दो राउंड में किया जाए एक बार के आइवीएफ़ प्रोसीज़र में एक ही एम्ब्रियो गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाए ।
ये नतीजे 'एबरदीन विश्विद्यालय 'के रिसर्चरों ने हालिया शोध से निकालें हैं .
गुरुवार, 23 दिसंबर 2010
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