भारतीय महिलाओं को होने वाले आम कैंसरों में इस का नंबर चौथा है और यह लगातार बढ़ रहा है .यह कहना है डॉ हरित चतुर्वेदी ,सलाहकार एवं निदेशक ,कैंसर शल्य चिकित्सा (सर्जिकल ओंको -लोजी ,मेक्स हेल्थ केयर ).बकौल इनके आपको किन चीज़ों का ख़याल रखना चाहिए ,जानिये -
अपने लिए ओवेरियन कैंसर के खतरे का आकलन कीजिये :
अमूमन चालीस साल से ऊपर की महिलाओं को यह असर ग्रस्त करता है तब और भी ज्यादा जब उन्हें स्तन कैंसर भी हो ।
लक्षणों पर गौर करें :
थकान का आमतौर पर बने रहना ,मिचली का एहसास होना ,अफारा (ब्लोटिंग ),बीमार होने का एहसास इसके ऐसे लक्षण हैं जो गुप्त बने रहतें हैं .पकड़ में नहीं आतें हैं ।
परीक्षण के लिए आगे आयें :
रेक्टल और पेल्विस की जांच करवाएं .ट्रांस -वेजिनल अल्ट्रा -साउंड भी ज़रूरी है तथा सी ए -१२५ ब्लड टेस्ट्स भी नतीजा देख कर ही आप कुछ जान सकतें हैं ।
गुरुवार, 2 सितंबर 2010
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