शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

दूर तक जाता है किशोरावस्था में खानपान का असर .

टफ बींग ए टीन व्हाट यु ईट एट दिस एज कैन मेक ऑर ब्रेक यु ,सेज न्युत्रिशिनिष्ट रुजुता दिवेकर .एक्स्त्रेक्ट्स फ्रॉम हर सून टू बी रीलीज्द बुक वोमेन एंड दी वेट लोस तमाशा .(मुंबई मिरर ,दिसंबर २ ,२०१० ,पृष्ठ २४ )।
यु बिकम व्हाट यु ईट .जैसा अन्न वैसा मन .जैसा पानी वैसी वाणी .यकीन मानिए ये सारी लोकोक्तियाँ ,मुहावरे जितनी किशोरावस्था पर सटीक बैठतीं हैं उम्र के किसी अन्य सौपान पर नहीं .व्यक्तित्व (जिसमे मन और बुद्धि तत्व ,कद काठी ,शक्लो -सूरत ,सीरत सभी कुछ आजाता है ,इंटेलिजेंस एंड इमोशनल कोशेंट्स भी ) इसी उम्र में गढ़ा जाता है.कुम्हार की
मिट्टी सी कच्ची होती है यह उम्र ,शरीर सौष्ठव,काया जिसे कसाव दार बना लो या थुलथुल सबकुछ आपके हाथ में है .कर लो दुनिया मुठ्ठी में बा -रास्ता खान पान ।
इस उम्र में जंक फ़ूड का चस्का (चस्का क्या नशा और लत कहिये इसे ),व्यायाम का दैनिकी से नदारद रहना न सिर्फ आपको गुब्बार्रे सा फुला देगा ,स्ट्रेच मार्क्स और कील -मुहासे भी आपसे प्यार करने आ जायेंगे .और कोई आये न आये ।
लेकिन यकीन मानिए सब कुछ आपके हाथ में है .खानपान में बदलाव ,स्वास्थाय्कर भोजन ,घंटा भर का अच्छाखासा व्यायाम इस सबको बदल सकता है .आपकी तकदीर बदल सकता है .शरीर और मन का पोषण है पुष्टिकर तत्व है व्यायाम .व्यक्तित्व का निखार है व्यायाम .सब कुछ आपकी शख्शियत पर निर्भर है जो गढ़ी जा रही है आपही के हाथों और आपको खबर नहीं है .तो ज़नाब बा -खबर रहिये ।
फिर दोहरा दें एक घंटा का हार्ड कोर व्यायाम ,वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया स्वास्थ्य कर भोजन (परम्परा गत भारतीय थाली )आपके शरीर में इस दरमियान होने वाले हारमोन परिवर्तन को संभाल लेगा .न सिर्फ काया में निखार आयेगा हारमोनों में आने वाले सटीक बदलाव आपको अपने पारि -तंत्र ,पर्यावरण के प्रति भी संवेदी बनाते हैं उम्र के इस सौपान में .कसरत और हेल्दी फ़ूड कच्चा माल है इस उम्र में व्यक्तित्व निर्माण के लिए ।
दोनों का अभाव (लेक ऑफ़ गुड फ़ूड एंड एकसार -साइज़ ) सोने जागने का बिगड़ा हुआ ढर्रा हमारे कायिक (भौतिक ),मानसिक और अध्यात्मिक विकास को अवरुद्ध कर देता है .कुछ भी ठीक से काम नहीं करता ,विकसता न दिल न गुर्दे न यकृत (लीवर ),न फेफड़े न इन्तेस्ताइन्स ,मसल मॉस ,बोन डेंसिटी .हाईट ,हारमोंस ,एंजाइम्स कुछ भी तो नहीं ।
एवरी सिंगिल सेल एंड फंक्शन इन दी बॉडी ग्रो /ओपरेट टू देयर ओप्तिमम केपेसिटी .इस से बड़ी और क्या ट्रेजिडी होगी इस उम्र में .(ज़ारी .....)

4 टिप्‍पणियां:

Thakur M.Islam Vinay ने कहा…

nice post

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अच्छी जानकारी भरी पोस्ट।

virendra sharma ने कहा…

Thakur M.Islam Vinay sahib and beloved Paramjeet singh bali bhai ,bahut bahut shukriyaa aap dono ka .
veerubhai .

virendra sharma ने कहा…

Thakur M.Islam Vinay sahib and beloved Paramjeet singh bali bhai ,bahut bahut shukriyaa aap dono ka .
veerubhai .