शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

दूर तक जाता है किशोरावस्था में खान -पान का असर ..(ज़ारी ...)

बिलकुल ज़रूरी नहीं है आपका इम्तिहानी -लाल /लाली होना यानी हर परीक्षा में अव्वल अंक लाना .ज़रूरी है यह देखना जो भी कुछ व्यावहारिक जीवन में व्यक्तितिव निर्माण में काम आता है और जितना भी हमने उसमे से स्कूल में पढ़ा क्या उसे जीवन में अपनाया ?आत्म सात किया .या फिर रट्टा मारकर इम्तिहान अच्छे नंबरों से पास किया औ मान लिया किला फतह कर लिया ।
क्या आपने बचपन में छोटी कक्षाओं में नहीं पढ़ा ,विटामिन -सी कि कमी से 'स्कर्वी ',डी कीकमीबेशी से रिकेट्स तथा ए की कमी रतौंधी (नाईट ब्लाइंड नेस )की वजह बन सकती है ।
क्या आपने ऐसे लोगों को नहीं देखा- भाला जिनका आये दिन 'मूड स्विंग 'होता है ,जो अभी से स्ट्रेच मार्क्स से आजिज़ आ चुके हैं .पोट बेलीज़ लिए दिन रात वेट -लोस ,लव -हेन्दिल्स ,सादल - बेग्स ,लीथार्जी (आलस्य और प्रमाद से घिरे ),की चिंता लिए अनिद्रा रोग ,प्री -मेन्स्त्र्युअल् सिंड्रोम से घिरे रहतें हैं .दिन रात थके मांदे ,बे -नूर बने रहतें हैं ।
डिफिकल्ट प्रेग्नेंसीज़ कितनी आम है आये दिन .रजस्वला होने पर यकायक मोटाने लगतें हैं यही लोग .हिप फ्रेक्चर आफ्टर बाथ रूम फाल ,बेड नीज ,लोवर बेक पेंस इस दौर की आम शिकायतें हैं .क्यों ?
इन सबका सबन्ध पुष्टिकर तत्वों से महरूम रह जाना है .पुष्टिकर तत्वों की कमी हो जाना है .दादी माओं को भले ही आपने रिकेट्स होते नहीं देखा लेकिन बाथ रूम में गिरने के बाद हिप फ्रेक्चर या फिर थाई -फ्रेक्चर की चपेट में आते भी नहीं देखा .क्या उन्हें रोजाना केल्सियम तजवीज़ नहीं किया गया ?
आप बचपन में ही ,वय -के खूबसूरत-संधि -स्थल ,किशोरावस्था में ले लीजिये पुष्टिकर तत्व .इन सबसे बचे रहिये आगे चलकर ।
खाने-पीने को 'फेड्स 'और फीयर मत बनाइये .अन्दर से खोखले हो जायेंगे आप .ऊपर से तुर्रा ये करीना सा खुद को मानने समझने लगेंगे जो हर तीसरी फिल्म में खुद को जीरो -साइज़ कहलवाना पसंद करतीं हैं ।
अलबत्ता किसी भी सौन्दर्य प्रतियोगिता के आधुनिक प्रतिमानों पर आज वह खरी नहीं उतरेंगी .वहां जीरो -साइज़ नहीं माँगता है .कुछ और माँगता है जो करीनाओं के पास नहीं है .(समाप्त )

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