यूनिवर्स बोर्न लॉन्ग बिफोर बिग बैंग ?(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,दिसंबर १ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
क्या यह सृष्टि अबसे १३.७ अरब वर्ष पूर्व एक महाविस्फोट से बनी थी या इस से भी बहुत पहले सृष्टि के बनने बिगड़ने (विनष्ट होने )का सिलसिला युगों युगों से चला आ रहा था .और चर्चित बिग बैंग उस आवधिक दौड़ का हिस्सा भर है जो बिग बैंग के रूप में इस से पहले भी होता रहा है .यानी बिग बैंग से पहले भी बिग बैग हुआ था .होते रहतें हैं बिग बैंग .सृजन और विध्वंश सृष्टि का क्रम है ,नियम है ,अपवाद नहीं ।
यह निष्कर्ष उस सार्वत्रिक सर्व -व्यापी कोस्मिक बेकग्राउंड रेडियेशन (ब्रह्मांडीय विकिरण )के एक नवीनतम विश्लेसन ने प्रस्तुत किये है इस विकिरण में "सर्क्युलर पैट्रन "की मौजूदगी की पुष्टि कर लेने के बाद ।
कोस्मिक बेकग्राउंड रेडियेशन उस महाविस्फोट का बचा खुचा अंश है जो दिग्दीगान्त्रों में व्याप्त है और जो गोचर सृष्टि (ओब्ज़र्वेबिल यूनिवर्स )के निर्माण के बाद अवशेषी बना रहा है .यह महा विस्फोट आखिरी नहीं था .प्रथम भी नहीं ,विस्फोटों की ऐसी श्रृंखला में से बस एक था .जो उस महा -अणुमें हुआ माना जाता है जो एक हॉट सूप के रूप में सारा पदार्थ -ऊर्जा समाये हुए था .एक साथ सब जगह मौजूद था यह आदि -अणु .अति उत्तप्त और सघन अवस्था (डेंस स्टेट )में था .जगह तो घेरता ही नहीं था .क्यों ?काल और अन्तरिक्ष ,टाइम एंड स्पेस का अस्तित्व ही कहाँ था तब .जगह घेरता भी तो कैसे ?एक साथ सब जगह भी तो यही परम -अणु था तब .कृष्ण के विराट स्वरूप सा एक साथ सब जगह ।
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