बुधवार, 1 दिसंबर 2010

सेक्स बना वैसो -कोंसत्रिक्टर.

डिपार्टमेंट ऑफ़ आव्थेल्मोलोजी ,ग्लोस्त्रूप हॉस्पिटल ,कोपेनहेगेन यूनिवर्सिटी ,ने एक ब्रितानी पुरुष के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसे अखबार डेली मेल ने भी बाद में प्रकाशित किया था .यह शख्श हर सेक्स्युअल एपिसोड सम्पान होते ही स्खलित होने के बाद (आफ्टर इजेक्युलेसन ) मोनो -ओक्युलर विज़न लोस का अस्थाई तौर पर शिकार होता है .हर सेक्स्युअल एपिसोड (अपनी साथी के साथ सम्भोग के बाद )इसके साथ यह बारहा होता रहा है .आखिर कार इसे चिकित्सकीय सहायता के लिए नेत्र -रोग के माहिरों के पास आना पड़ा है .क्यों इसे एक नेत्र से अस्थाई तौर पर दिखलाई देना बंद हो जाता है इस बारे में कयास लगाया गया है यह व्यक्ति यौन -क्रीडा में दिस -चार्ज होने के बाद "वैसो -कोंस्त्रिक्सन का शिकार हो जाता है .यौन -क्रिया /मैथुन ही इसके लिए वैसो -कोंसत्रिक्टर बन जाती है ।
यही वैसो -कोंस्त्रिक्सन इरेक्टाइल दिस -फंक्शन की भी वजह बन जाता है जिसमे ब्लड वेसिल्स के संकरे पड़ जाने सेब्लड प्रेशर बढ़ जाता है ।
इसी वैसो -कोंस्त्रिक्सन की वजह से नेत्र को आर्तीरियल ब्लड सप्लाई ठप्प पड़ जाती है अस्थाई तौर पर .पहले इसकी वजह एम्बोलिज्म (एम्बोलास )का ब्लड वेसिल्स में आकर फंस जाना समझ लिया गया था ।
एक चिठ्ठे ने इस रोचक लेकिन अजीबो -गरीब वृत्तांत के बारे में लिखा था ।
क्या है वैसो -कोंस्त्रिक्सन ?
ए दिक्रीज़ इन दी डाय -मीटर ऑफ़ ब्लड वेसिल्स ,स्पेशियली आर्ट -रीज इस काल्ड वैसो -कोंस्त्रिक्सन ।
एम्बोलसक्या है ?
ए मेटीरियल सच एज ए ब्लड क्लोट ,फैट ,एयर ऑर एम्नियोटिक फ्ल्युइड ऑर ए फोरिन बॉडी देट इज केरीड बाई दी ब्लड फ्रॉम वन पॉइंट इन दी सर्क्युलेसन टू लोज एट एनादर पॉइंट इज काल्ड एम्बोलस .यानी खून का थक्का एक जगह से चलकर दूसरी जगह रक्त प्रवाह के जारी पहुँच जाए .प्रवाह के अवरुद्ध होने की क्रिया एम्बोलिज्म कहलाती है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-ब्लाइन -डिड बाई लव :मेन लूज़िज़ साईट व्हेन ही हेज़ सेक्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,दिसंबर १ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )

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