इन समय उत्तर भारत में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है .ऐसे में गरम पानी से नहाना एक मजबूरी हो सकती है लेकिन हर प्रहर गरम पानी का स्तेमाल चमड़ी के लिए कितना मुनासिब है ?कैसे बचाए चमड़ी को कडाके की ठंड से इस विषय में हमने परम्परागत सौन्दर्य विशेषज्ञा (अर्ली १९७० टीज़ की ब्यूटी एंड कल्चर डिप्लोमा होल्डर ,वाई डब्लू सी ए ,नै -दिल्ली ) की मिसेज़ वीणा शर्मा से बातचीत की है .प्रस्तुत हैं उसी बातचीत पर आधारित हेल्थ टिप्स ।
नहाते वक्त पानी में थोड़ा सा (आधा चम्मच मूंगफली का अपरिष्कृत यानी नॉन -रिफाइंड आयल ) मिला लें .ज्यादा गरम पानी चमड़ी के लिए ठीक नहीं ।
नहाने के बाद चमड़ी पर (हाथ -पैरों )पर यही मूंगफली का कच्चा तेल मलें ।
चेहरे पर बादाम का तेल हलके हाथ से मलें .आँखों के नीचे के डार्क सर्किल्स से बचाव के लिए धीरे धीरे बादाम तेल मलें ।
दिन में दो तीन मर्तबा आलू कद्दू कसकरके (ग्रेट करके ) खीरे में मिलाकर मलें .इसके बाद कोटन से पौंछ दें.
चमड़ी के कसाव के लिए ठन्डे पानी का ज़वाब नहीं ,गरम पानी के स्तेमाल से बचे .मूंगफली और तिल का स्तेमाल खाने पीने की चीज़ों में भी सर्दियों में बहुत अच्छा रहताहै .चमड़ी की दमक के लिए .सलाद में कच्चा लहसुन लें .गुड का नियमित सेवन करें .माइक्रो -न्युत्रियेंट्स का अच्छा स्रोत है गुड (जेग्री ).
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2 टिप्पणियां:
अच्छी जानकारी है मगर हम तो बिना कुछ मले भी वैसे के वैसे ही हैं इतनी उम्र तक। शायद आज के बच्चे डालडा की पैदाईश हैं इस लिये उन्हे ये टोटके करने पडते हैं। लोगों के पास खाने के लिये रोटी नही है वो बादाम का तेल कहाँ से लायें? धन्यवाद।
daaldaa nahin refined kaa kamaal hai kapilaaji .sab kuchh parishkrit .
veerubhai
dhanyvaad .
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