व्हाट इज दीआर्यन थियरी ?
भाषा विज्ञानी विलियम जोन्स और मेक्स मूलर ने १९ वीं शती में एक सिद्धांत रखा था जिसके तहत गोरी चमड़ी वाले एक श्रेष्ठी वर्ग को जो कृषि कर्म में भी माहिर थे केन्द्रीय एशिया से सिधु घाटी सभ्यता के वक्त हिंदुस्तान में आया बतलाया था ।यही आर्य थे .आर्य यानी कुल -श्रेष्ठ .
इस विकसित सभ्यता के तमाम प्रतीकों को इस श्रेष्ठी वर्ग ने नष्ट कर दिया था .समझा जाता है इन्होनें ही वेदों की रचना की .भारत में यह प्रवासी बाहरसे आये थे .फिर यहीं बस गए थे ।
इस के ठीक विपरीत इस सिद्धांत को जिसे आर्यन इंवेज़न थियरी भी कहा जाता है ,आधुनिक पुरातत्व -विद ,आर्यों को भारत का मूल निवासी मानते बतलातें हैं .सांझा जाता है यह अब विलुप्त प्राय सरस्वती नदी के किनारे वास करते थे ।
इस नदी के सूखने (विस्थापित )होने पर यह यहाँ से छिटक कर शेष भारत और बाहर के देशों की और चले गए .सिन्धु घटी की सभ्यता में भी रच बस गए थेये लोग .
सोमवार, 8 नवंबर 2010
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