लेफ्ट इन ए लिम्बो .डायबिटीज़ मे बी सायलेंट किलर बट इट आल्सो टेंड्स टू गिव मेनी ए पैन इन दी लिम्ब .मोबिलिटी कंसल्टेंट चैतन्य शाह गिव्स यु ए १० -पॉइंट फुट -मेनेजमेंट गाइड (डायबिटीज़ कैन कॉज़ चेंज़िज़ इन दी स्किन ऑफ़ योर फुट .एट टाइम्स योर फुट मे बिकम वेरी ड्राई )/मुंबई मिरर ,नवम्बर १६,२०१० ,पृष्ठ २४ ।
भारत में शहरी क्षेत्र के ११ फीसद लोग डायबिटीज़ की चपेट में हैं .दुर्भाग्य इनमे से कितने ही जानकार अनजान हैं .जबकि यह बीमारी चुपके -चुपके धीरे -धीरे मारती है .व्यायाम से कोसों दूर ले आया है हमें शहरी जीवन ,जीवन की आपाधापी .मोटापा (थेंक्स टू ओब्सेसिव ईटिंग्स),दैनिकी से रिश्ता तनाव ,चिकनाई सनी खुराक के चलते इस संख्या में इजाफा ही होना है ।
बेशक बहुत कुछ आपको बतलाया जा चुका बारहा खुराक (स्वास्थाय्कर,हेल्दी डाईट )वर्क -आउट्स (व्यायाम ,कसरत आदि )तथा इंसुलिन को काबू में रखने के विभिन्न तरीकों तरकीबों के बारे में .लेकिन मधुमेह आपके पैरों को भी निशाना बनाती है .कई किस्म की फुट प्रोब्लम्स की वजह बन जाती है डाय- बितीज़ ।
(१)न्यूरो -पैथी/ऑर दी पैथालोजी ऑफ़ योर नर्व्ज़(यहाँ पैथालोजी का अर्थ रोग विज्ञान है ,साइंस ऑफ़ डि -सीज़िज़ ) बेहद की कसूरवार है .लक्षण क्या है इसका ?आपको इल्म ही नहीं होता आपके जूते में टेक आ गया है ,छोटी सी कंक्री आपको लगातार चुभ रही है ,आपके जूते में थी ,आपको इल्म नहीं है .यु आर ओब्लिविय्स टू दिस फेक्ट ।
आपको किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती ,बेशक काँटा चुभ रहा हो आपको .यही है न्यूरो -पैथी ।
समाधान क्या है पैरों से जुडी समस्याओं का ?
(१)डू नोट वीयर ओपन फुट वीयर :आपको चलते -फिरते चोट लग सकती है .चप्पल नहीं सैंडिल पहननी हैं आपको .बेहतर है जूते पहने आरामदायक .मधुमेह आपकी दर्द ,गर्मी -सर्दी को महसूस करने की क्षमता को ले उडती है .बाकी सबको ठण्ड लग रही है आप ए सी में सो रहें हैं .यकीन मानिए मैंने ऐसा देखा है .चोट लग जाने के बाद भी ऐसे में आपको पता नहीं चलेगा .आपके जूते में सुबह से कंक्री थी आपको खबर नहीं है .पैर तो ऐसे में जख्मी होगा ही .आपके पैर में छाला है आपको खबर ही नहीं है .इस सबसे बचने का सरल उपाय है :डू नाट वीयर ओपन फुट वीयर ।
(२)नेवर इग्नोर दी स्लाई -टेस्ट फुट इंजरी :ज़रा सी भी फुट इंजरी होने पर ,पैरों में इर्रिटेसन होने पर ,रेडनेस होने पर अपने काया -चिकित्सक से संपर्क साधिये .हो सकता है आपकी चमड़ी कट फट गई हो और आपको खबर ही नहीं है .आपको हो सकता है इसी वजह से रोग संक्रमण भी लग गया हो .हो सकता नर्व डेमेज की वजह से आपके पैर और अंगूठे की रंगत ही बदल चुकी हो और आप बे -खबर हों .नर्व डेमेज के बाद ही रोग संक्रमण (इन्फेक्सन )का पता नहीं चलता .(ज़ारी ....)
मंगलवार, 16 नवंबर 2010
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