मंगलवार, 16 नवंबर 2010

लिंगोथ्थान अभाव (इरेक्टाइल -डिस -फंक्सन )से बचाव के लिए (ज़ारी ...)

(गत पोस्ट से आगे ...)
मेक्रो -बाई -आटिक खुराक के नज़रिए से कमतर स्लेश्मा (म्यूकस )से सनी शाकाहारी खुराक ही धमनियों को खुला रखने के लिए अच्छी मानी गई है .इरेक्टाइल -डिस -फंक्सन के मामले में शिश्न (पेनिस )तक पूरा रक्त ही तो नहीं पहुँच पाता है .क्योंकि पीनाइल आर्ट -अरीज़ भी हृद धमनियों की तरह अवरुद्ध हो जातीं हैं ।
मेक्रो -बाय -ओटिक खुराक आखिर है क्या ?
यह आयुवर्द्धक मानी जाने वाली खुराक है जिसमे सभी खाद्य पदार्थ बिना रसायन - प्रयोग जुटाए जाते हैं .इसमें मुख्यतय मोटे अनाज और जैविक विधि(कुदरती खाद- पानी ) से उगाई गई तरकारियाँ होतीं हैं,आप इन्हें ओरगेनिक प्रोड्यूस भी कह सकतें हैं .दीर्घ -जीवी बनाती है यह खुराक ।
अच्छी खुराक का मतलब शिश्न को रक्त की भरपूर आपूर्ति होना है .ऐसे में पीनाइल -आर्ट -रीज अवरुद्ध होने से बची रहतीं हैं ।
ताज़े फल ,तरकारियाँ ,मच्छी और ल्ग्युम्स ,मेवे (खासकर हार्ड नट्स ,अखरोट बादाम ,पिस्ता )कुदरत के तोहफे हैं .सीड्स युक्त फलियाँ भी इन्हीं में शामिल हैं .इनका भरपूर सेवन एक अच्छी मेक्रो -बाई -ओटिक खुराक के तहत ही आयेगा जो धमनियों को अवरुद्ध होने से रोकती है ।
परिष्कृत खाद्यों को खुराक से खारिज कर दीजिये .सफ़ेद चीज़ें (सफ़ेद चावल ,चीनी ,मैदा ,सफ़ेद आटा,(जंक फूड्स और सुगर ),कृत्रिम मीठास नमक सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं ।
रूम टेम्प्रेचर पर जमने वाली चिकनाई (सेच्युरेतिद फेट्स ,हाई -द्रोजनिक्रितआइल ,हाई -ड्रो-जिनेतिद वेजिटेबिल आइल )मर्गारिने आदि से बचिए .आलिव आयल (फ़ूड ग्रेड )यानी जैतून के फल से प्राप्त तेल (स्माल ग्रीन ऑर ब्लेक फ्रूट विद ए बिटर टेस्ट ,यूस्ड फॉर फ़ूड एंड आयल ),सेसमी (तिल का तेल ),टेबिल साल्ट की जगह रोक्क-साल्ट अच्छा है ।
हरी तरकारियों में सीताफल के बीज जिंक और ज़रूरी वसीय- अम्लों से भरपूर हैं .पुरुष प्रजनन तंत्र की बेहतरी के लिए अच्छे हैं पम्पकिन सीड्स ।
तरबूज का भी ज़वाब नहीं .इसमें मौजूद एक फाइटो -न्युत्रियेंट (प्लांट से प्राप्त पुष्टिकर तत्व )सित्रुल -लाइन(सित्रुल्लिने )ब्लड वेसिल्स को रिलेक्स बनाए रखता है .खुली रखता है ।
टमाटर में मौजूद लाइ -कोपेन पौरुष ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है ।
यदि स्पर्म काउंट (एक बार के डिस -चार्ज में शुक्राणुओं की तादाद कम है )लो है तब को -एंजाइम क्यू-१० (१० मिलिग्रेम )खुराकी संपूरक के बतौर ले सकतें हैं रोजाना .स्पर्म काउंट एवं मोतिलिती (वेलोसिटी इन ए यूनिट फील्ड .शुक्राणु की अंडाणु से मिलन मनाने की तेज़ी )दोनों का बढाता है यह सप्लीमेंट ।
फ्लेक्स - सीड्स तथा फ्लेक्स -सीड आयल ज़रूरी वसीय अम्लों का भण्डार हैं .फ्लेक्स्सीद आयल एक टेबिल स्पून रोजाना ले सकतें हैं ।
मल्टी -विटामिन मिनरल -टेक वन सर्विंग साइज़ डेली ।
विटामिन सी ५०० मिलिग्रेम सुबह शाम ले सकतें हैं .एंटी -ओक्सिडेंट है विटामिन -सी, जो मरदाना ताकत (फर्टिलिटी इन मेन)को बढाता है ।
नीम -हकीमों से बचिए .नीम -हकीम ख़तरा -ए -जान .

2 टिप्‍पणियां:

S.M.Masoom ने कहा…

अच्छा लेख़ लेकिन कौन समझता है ?

virendra sharma ने कहा…

zanaab ne padhaa iske liye shukriyaa .hamaaraa kaam soochnaa muhaiyaa karvaanaa hai ,jan shikshan hai .
veerubhai .