फेसबुक मेक्स पीपुल मोर सोसल :स्टडी (डी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २५ ,२०१० )।
एक अध्ययन के अनुसार रिश्तों की डोर को कमज़ोर नहीं अलग अलग आयु समूह के लोगों में संबंधों को मजबूती प्रदान कर रहीं हैं "फेसबुक "जैसी सोसल मीडिया वेब -साइटें ।
आज दुनिया भर में फेसबुक के ५० करोड़ से भी ज्यादा यूज़र्स हैं .इसके बढ़ते स्तेमाल को लेकर नाहक एक नकारात्मक असर को लेकर कई क्वाटर्स से चिंता भी ज़ाहिर की गई लेकिन रिसर्चर्स कुछ अलग ही कथा बांच रहें हैं ।
फेस बुक रु -बा -रु मिलनसारी को कम नहीं कर रही है .न ही यह सामाजिक उठ बैठ का स्थानापन्न है .पुष्ट यह हुआ है ऐसी मिल -बैठ के नए अवसर नए तरीके ,नै अभिव्यक्तियाँ ,नै नजदीकियां ,नए समुदाय नित रच रहीं है सामाजिक मीडिया वेब -साइटें .रिसर्च टीम के अगुवा एस .क्रैग वाटकिंस का यही कहना है .आप सहायक प्रोफ़ेसर हैं ,रेडियो ,टीवी फिल्म्स से सम्बद्ध हैं .
गुरुवार, 25 नवंबर 2010
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