क्या आप स्मोकर्स की सोहबत में रहतें हैं ?पेसिव स्मोकर्स हैं ?यदि हाँ तब पेसिव स्मोकिंग की कीमत आपकी श्रवण क्षमता को चुकानी पड़ सकती है ।
यह तो पहले से ही पुष्ट हो चुका है जो लोग धूम्रपान करतें हैं उनकी श्रवण शक्ति असर ग्रस्त होती है .दे मे डेमेज देयर हीयरिंग ।
अब तकरीबन ३,००० अमरीकी बालिगों पर संपन्न एक अध्ययन से पुष्ट हुआ है ,यही बात पेसिव स्मोकिंग पर भी लागू होती है ।
माहिरों के अनुसार तम्बाकू पीना किसी भी विध (हुक्का या बीडी सिगरेट्स ) कान की स्माल वेसिल्स में ब्लड फ्लो को विच्छिन्न कर सकता है .विघ्न पैदा कर सकता है रक्त प्रवाह में .ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर्ण को नहीं हो पाती नतीज़नकान में टोक्सिक वेस्ट (विषाक्त -मल,मैला)ज़माहोकर कान को नुकसानी पहुंचा सकता है ।
शोर शराबे और बुढापे की सामान्य प्रक्रिया से होने वाली नुकसानी इस से फर्क होती है ।
अध्ययन में मियामी और फ्लोरिडा अंतर -राष्ट्रीय विश्व -विद्यालय के ३,३०७ नॉन -स्मोकर वोलन -टी -यर्स(गैर -धूम्र्पानी स्वयं -सेवियों ) के श्रवण नतीजों (हीयरिंग टेस्ट्स रिज़ल्ट्स ) का जायज़ा लिया गया .निम्न ,मध्य और उच्च आवृत्तियों के शोर (दी टेस्ट्स मेज़र्द रेंज ऑफ़ हीयरिंग ओवर लो ,मिड एंड हाई -नोइज़ ,फ्रीक्युवेंसीज़ ) का श्रवण -सम्बन्धी मापन किया गया ।
पेसिव स्मोक एक्सपोज़र का जायजा लेने के लिए स्वयं -सेवियों के रक्त में निकोटिन के एक उप -उत्पाद "कोतीनिन"का पता लगाया गया .यह तभी बनता है जब हमारा शरीर तंत्र सिगरेट के धुयें के संपर्क में आता है ।
इस से इल्म हुआ जो लोग सेकिंड हेंड स्मोक झेलतें हैं उनकी श्रवण शक्ति ह्रास की संभावना औरों से ज्यादा बनी रहती है .खासकर शोर शराबे वाली पृष्ठ भूमि में इन्हें कुछ भी सुन ने समझने में खासी दिक्कत पेश आती है ।
बी बी सी से प्रसारित एक खबर से भी इस बात की पुष्टि होती है ।
पेसिव स्मोकिंग इन्क्रीज्द देयर रिस्क ऑफ़ हीयरिंग लोस एक्रोस आल साउंड फ्रीक्युवेंसीज़ बाई अबाउट ए थर्ड .
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