गुरुवार, 18 नवंबर 2010

हार्ट अटक के इलाज़ के लिए "बेली फैट"?

बेली फैट एड्स रिकवरी आफ्टर हार्ट अटेक(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर १८ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
बेली फैट का पहली मर्तबा स्तेमाल हार्ट अटेक के मरीजों पर किया गया है .इस एवज़ कटि -प्रदेश वसीय ऊतकों (वेस्ट -लाइन फैट टिश्यु )से कलम -कोशायें (स्टेम सेल )जुटाई गई .इनकी मदद से दिल का दौरा भुगत चुके दिल को १० मिनिट के भीतर ही अनुप्राणित किया गया .स्टेम सेल्स को दिल में इन्फ्युज़ किया गया .इस अग्र- गामी स्टडी से लाभ उठाने के लिए ऐसे ११ मर्द और तीन औरतें आगें आईं जिन्हें हाल -फिलाल ही दिल का दौरा पड़ा था .इनमे से १० को स्टेम सेल्स तथा ४ को डमी (प्लेसिबो )दिया गया .सभी मरीजों की बेली से(एब्दोमन से )लाइपो -सक्शन विधि द्वारा २५० घन सेंटीमीटर फैट खींचा गया ।
इनमे से हरेक साम्पिल में से साइंसदानों ने २ करोड़ अडल्टस्टेम सेल्स अलग किये .एक मरीज़ के दिल तक इन्हें इन्फ्युज़ करने में बा -मुश्किल १० मिनिट लगे ।
आप जानते हैं स्टेम सेल्स (कलम कोशायें रिजेंरेतिव सेल्स ) होतीं हैं जो कई तरह के ऊतकों में ढल सकतीं हैं ।
१० मरीजों में जिनके दिल को कलम कोशाओं से अनुप्रेरित किया गया था हार्ट पर्फ्युज़ंन में ३.५ %सुधार देखा गया ,यानी ऑक्सीजन युक्त रक्त इनके दिल को ३.५% ज्यादा पहुंचा इस प्रोसीज़र के ६ माह बाद .इनके दिल के बाएं निलय ने ५.७ %ब्लड भी ज्यादा उलीचा .बरक्स उनके जिन्हें स्टेम कोशाओं के नाम पर छद्म नुस्खा ही दिया गया था ।
इस अध्ययनको नीदरलैंड्स के एरास्मुस यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटरके रिसर्च -दानों ने अंजाम तक पहुंचाया .६ माह के बाद परि -ह्रदय धमनी रोग(कोरोनरी -आर्ट -अरी दीजीज़ ) के मरीजों को ज्यादा ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलने लगा ,दिल ने ज्यादा खून पम्प किया ,दिल को पहुँचने वाली नुकसानी भी कम हुई ।
इसका मतलब यह हुआ बेली फैट कितना ही बुरा सही ,इसका अच्छा स्तेमाल भी हो सकता है .वक्त पे खोटा सिक्का भी काम आ जाता है .

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