बुधवार, 24 नवंबर 2010

बच्चे -दानी के मुख कैंसर (कैंसर ऑफ़ दी सर्विक्स/सर्विकल कैंसर )की फौरी शिनाख्त के लिए ...

सिम्पिल कैंसर टेस्ट देट कैन शील्ड वोमेन .दी सर्विकल कैंसर टेस्ट ,कोस्टिंग जस्ट १५ पोंड्स ,डि -ली -वर्स ओवर -नाईट रिज़ल्ट्स एंड इज हाई -ली एक्यूरेट देन दी "पैप स्मीयर टेस्ट"व्हिच इज करेंट -ली यूज्ड तू स्पोट अर्ली साइन ऑफ़ दी डीज़ीज़ ,सेज एक्सपर्ट्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २४ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
जहां परम्परा गत पैप्स स्मीयर टेस्ट एब्नोर्मल सेल्स का पता लगाता है वहीँ यह नवीनतर टेस्ट "दी कोबस टेस्ट "ह्यूमैन पैपीलोमा वायरस "का ही सीधे -सीधे पता लगा लेता है जो एब्नोर्मल सेल ग्रोथ की वजह बनता है .इसे दवा कम्पनी रोशे ने तैयार किया है .बेशक ब्रिटेन भर में साल भर में ३००० से भी कम मामले सर्विकल कैंसर के नए दर्ज़ होतें हैं लेकिन शिनाख्त देरी से होने से सर्वाइवल रेट कमतर बनी रहती है औरतों को होने वाले दूसरे कैंसरों की बनिस्पत ।
दी कोबस टेस्ट के नतीजे ओवर नाईट मिल जातें हैं .हज़ारों ब्रितानी और अमरीकी महिलाओं पर इसके कामयाब ट्रायल्स संपन्न हो चुके हैं .आइन्दा आने वाले एक साल भर में ही यह अस्पतालों में सुलभ हो सकेगा .एक दम से सटीक है यह परीक्षण जिसकी कीमत भी कुल १५ पोंड भर है ।
पांच साल में एक मर्तबा इस परीक्षण को दोहराना पड़ेगा जबकि स्मीयर टेस्ट हर तीन साल के बाद करवाना पड़ता है ।
अलावा इसके स्मीयर टेस्ट की नजर से एक तिहाई मामले बचके निकल जाते हैं .दी कोबस टेस्ट की नजर से एक मामला भी नहीं बच पाता है ।
४७ ,००० आरंभिक ट्रायल्स में जो३० साल से ऊपर उम्र की ब्रितानी और अमरीकी महिलाओं पर किये गए दस में से एक ऐसी महिला में सर्विकल कैंसर डायग्नोज़ हुआ जिन्हें स्मीयर टेस्ट ने आल क्लीयर दे दिया था .अति -परिष्कृत और सटीक है यह परीक्षण ।
विशेष :भारत के सन्दर्भ में कम उम्र में विवाह ,जल्दी -जल्दी कम अंतर से संतानों का पैदा होते चले जाना ,औरत और मर्दों का हाई -जीन(प्रजनन अंगों की साफ़ सफाई ) के मामले में ला -परवाह बने रहना गर्भाशय गर्दन कैंसर की एक बड़ी वजह बनता रहा है .

2 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।

virendra sharma ने कहा…

shukriyaa !maim .
veerubhai .