शनिवार, 20 नवंबर 2010

महा -मारी बन रहा है "टेक्स्ट नेक ".

टेक्स्ट नेक :गेजेट्स ट्रिगर न्यू -टेक पैन .यंग्स -टार्स हू कोंस -टेंट -ली लुक डाउन एटहेंड हेल्डडिवाई -सीज गेट रेपितिटिव स्ट्रेस इंजरी (दीटाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २० ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
प्रोद्योगिकी आपके जीवनको बहुविध
सुगम बना रही है लेकिन यह नेक पैन की भी वजह बन रही है . जैसे जैसे मोबाइल फोन्स और हेंड हेल्ड म्युज़िक प्लेयर्स का चलन बढ़ता जा रहा है वैसे ही वैसे "टेक्स्ट -नेक "के मामले भी बढ़ रहें हैं .यह ऐसी स्ट्रेस इंजरी है जो निरंतर हो रही है .हो भी क्यों नहीं युवा भीड़ मोबाइल्स पर ही झुकी रहती है .सड़क हो या घर ,बस हो या दफ्तर ।
बस रीढ़ की पेशियाँ और अस्थियाँ तमाम अनुकूलित हो जाती हैं इसी मुद्रा (पोस्चर )के अनुरूप.नतीजा होता है फंक्शनल चेंज़िज़ ।
समाचार पत्र न्यूज़ी -लैंड हेराल्ड में चेरो -प्रेक -टार्स असोशियेशन स्पोक्स्मेन हय्देंन तोमस ऐसे ही उदगार व्यक्त कर चुकें हैं .चाय -रो -प्रेक -टार्स :चाय -रो -प्रेक -टर इज ए पर्सन हूज जॉब इन्वोल्व्ज़ ट्रीट-इंग सम डीज़ीज़ एंड फिजिकल प्रोब्लम्स बाई प्रेसिंग एंड मूविंग दी बोन्स इन ए पर्सन्स स्पाइन ऑर जोइंट्स .रीढ़ की हड्डी और जोड़ों के ये माहिर बस इन्हीं को मैनीप्युलेट करते हैं कुछ ख़ास बीमारियों के प्रबंधन के लिए ।
बस स्नायु -अस्थि बंध ,
हमारे शरीर में अस्थियों को जोड़ने वाले ऊतकों और मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ने वाली नसों,मस्क्युलेचार तथा बोनी सेग्मेंट्स को टेका लगाने वाले कर्व्ज़ में बदलाव आ जाते हैं .बस यही से नसों ,पेशियों की ऐंठन ,मसल स्पाज्म और दर्द की शुरुआत हो जाती है ।
अलबत्ता इन गेजेट्स से शरीरऔर सेहत को होने वाली नुकसानी से थोड़ा बचाया ज़रूर जा सकता है .गेजेट्स तो हमारे साथ रहेंगी ।
बस अपनी मुद्रा पर ध्यान दीजिये -टेक्स्टिंग के वक्त .हेंड हेल्ड डिवाइस को हेन्दिल करते वक्त भी पोस्चर्स का ख़याल रखे .टेक्स्टिंग के वक्त मोबाइल को चेहरे के सामने रख सकतें हैं ,झुकने से बचिए .टेक्स्टिंग तथा ई -मेल्स बांचते वक्त भी गर्दन को झुकाए रहने से बचिए .नियमित ब्रेक लीजिये छोटे छोटे ।
सवाल दीर्घावधि में अपनी रीढ़ को बचाए रखने से जुड़ा है .नेक और मसल्स से ताल्लुक रखता है .थोड़ा सा बदलाव लाइए मोबाइल्स ,ई -रीडर्स ,एम् पी ३ प्लेयर्स के स्तेमाल में .बड़ी मुसीबत से आइन्दा के लिए बचिए .

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