बर्थ ऑफ़ "मिनी स्टार "ऑन अर्थ कुड सोल्व एनर्जी क्राइसिस .प्लान टू बिल्ड फस्ट "सस्टेनेबिल फ्यूज़न "रिएक्टर (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर १६ ,२०१० ,मुबई ,संस्करण ,पृष्ठ १७ )।
लिवरमोर ,केलिफोर्निया कैम्पस ,की नेशनल इग्नीशन फेसिलिटी में माहिरों की एक टीम इन दिनों एक फ्यूज़न रिएक्टर बना लेने की दिशा में एक अप्रतिम प्रयोग में मुब्तिला है .इसके तहत एक १९२ लेज़र्स से शक्तिशाली पुंज एक रिएक्टर की कोर पर रखे एक ग्लास टार्गेट पर डाला जा रहा है जिसमे ट्राई -तियम ओर ड्यू -टीरियमगैसें रखीं हैं .इनके संग्लन से हीलियम नाभिक जब पैदा होगा तब साथ में बाइंडिंग एनर्जी के रूप में १.३ मिलियन मेगा जूल ऊर्जा भी पैदा होगी .कोर का तापमान भी बढ़कर ६०लाख फारेन्हाईट हो जाएगा ।(६ मिलियन फारेन्हाईट ).यह अब तक हासिल तापमानों में सबसे ज्यादा है .
यकीन मानिए यह करिश्मा किया जा चुका है .प्रयोग इस दिशा में अभी भी ज़ारी हैं ताकि प्राप्त शिखर तापमान ओर बढाया जा सके .हम जानतें हैं जब हलके नाभिकों से अपेक्षतया एक भारी नाभिक बनता है जैसे इस प्रयोग में ट्राई -तियम ओर ड्यू -टीरियम के संगलन से हीलियम बना है तब अपार ऊर्जा मुक्त होती है .इसे ही बाइंडिंग एनर्जी कहा जाता है ।
बरक्स इसके सूरज की कोर का तापमान २७ मिलियन फारेन्हाईट है ।यानी प्रयोगशाला में एक सूरज पैदा कर लेने की दिशा में दो कदम रख दिए गए हैं .
इस फ्यूज़न रिएक्टर का प्रोटो -टाइप संस्करण साइंसदानों के मुताबिक़ २०२० में तैयार हो जाएगा .२०५० तक अमरीका अपनी कुल ऊर्जा का एक तिहाई भाग इसी फ्यूज़न एनर्जी से जुटाने लगेगा ।
फ्यूज़न रिएक्टर दुनिया भर से ऊर्जा की किल्लत हमेशा हमेशा के लिए दूर कर सकतें हैं .अलावा इसके ऊर्जा का यह साफ़ सुथरा स्रोत है (कार्बन मुक्त )।
ड्यू -टीरियम -ट्री -टियम टारगेट्स को इग्नीशन तापमान मुहैया करवाना एक एहम कदम रहा है .फ्यूज़न रिएक्टर के लिए बेशुमार ईंधन पृथ्वी पर मौजूद है .इस से हासिल ऊर्जा पारितंत्रों ओर पर्यावरण की दोस्त ठहरती है .उप -उत्पाद के रूप में प्राप्त रेडियो -एक्टिव पदार्थों का संग्रह भी एटमी भट्टियों से प्राप्त रेडियो -उत्पादों के बरक्स आसान रहता है ।संगलन (फ्यूज़न विधि से )
एक गेलन समुंदरी जल से प्राप्त ऊर्जा ३०० गेलन पेट्रोल से प्राप्त ऊर्जा के बराबर ठहरती है .५० कप पानी से हासिल ऊर्जा २ टन कोयले से मिलने वाली ऊर्जा के बराबर आएगी ।
२.२ अरब पोंड की फ्यूज़न एनर्जी योजना हरकत में आ चुकी है गत सप्ताह से .२०१२ तक पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा .ट्री -टियम ओर ड्यू -टीरियम के परस्पर संगलन के ज़रूरी इग्नीशन टेम्प्रेचर हासिल हो सकेगा .उच्च से उच्तर की दिशा में बढा जाएगा .
मंगलवार, 16 नवंबर 2010
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