रविवार, 21 नवंबर 2010

१० वाट के बल्ब को ही जीरो -वाट कह दिया जाता है .क्यों ?

व्हाई इज ए १० वाट बल्ब नॉन एज ए जीरो वाट बल्ब ?
बिजली के बल्ब को रोशन करने के लिए इनपुट तो चाहिए ही ,यह इनपुट पावर जीरो कैसे हो सकती है ?कुछ न कुछ वाटेज़ तो खर्च होगी ही .हाई -रेजिस्टेंस बल्ब होता है १० वाट का जो न्यूनतम करेंट लेता है .करेंट और वोल्टेज का प्रो -डक्ट(गुना )ही तो वाटेज़ है .जीरो वाटेज़ जीरो न होकर न्यूनतम वाटेज़ को ही कह दिया जाता है ।
वाट -आवर -मीटर जो अब तक चलन में थे उतने एक्यूरेट नहीं थे जो १० वाट को बत्लादें .इनकी रोटेटिंग डिस्क १० वाट की टोह ही नहीं ले पाती थी ।
अधुनातन मीटर एक दम से संवेदी और एक्यूरेट हैं इसलिए गेजेट्स की पावर भी ऑफ़ रखिये ,इंडी -केटर्स भी .इसलिए जीरो वाट एक मिस्नोमर है ,जीरो -केलोरी ड्रिंक और जीरो -साइज़ लोंडिया की तरह .(करीना कपूर से क्षमा याचना सहित ).

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