आज विश्व मधुमेह दिवस और बाल -दिवस दोनों हैं ,दोनों के अपने- अपने निहितार्थ हैं .पहले का सम्बन्ध मिथ से है ,जन -विश्वाश है .दूसरे का यथार्थ से ।
चलिए पहले मिथ को लेतें हैं जो डायबिटीज़ से जुड़े हैं .वैसे अज़ब इत्तेफाक है भारत के लिए विश्व -मधुमेह दिवस और बाल दिवस एक ही दिन १४ नवम्बर को पडतें हैं .ऐसे मौके पर बच्चों के चाचा नेहरु की याद आना ज़रा भी अस्वाभाविक नहीं है .दिवा -स्वप्न आखिर दिवा स्वप्न ही होता है .आज नेहरु पर प्यार आ रहा है जिनकी कोंग्रेस ने देश का बंटाधार कर दिया है . उसे आज देश का हर हिन्दू आतंक -वादी नजर आता है .वोट से आगे कुछ नजर नहीं आता नेहरु तेरी कोंग्रेस को .आज हिन्दुस्तान में मुसलमान -और हिन्दू पर्याय -वाची शब्द बनने लगें हैं आतंक वाद के सन्दर्भ में ।
मूल विषय पर लौटतें हैं ।
डायबिटीज़ से जुड़े मिथ क्या हैं ?
(१)बच्चों से उनका बचपन मत छीनों :मिथ ,क्या बहुत ज्यादा शक्कर खाने से डाय- बिटीज़हो जाती है ?
यथार्थ :टाइप-१ डाय -बिटीज़ की वजह अग्नाशय की बीटा सेल्स का नष्ट होना बनता है .और शक्कर खाने से इसका कुछ भी लेना देना नहीं है ।
टाइप -टू डाय -बिटीज़ यानी जीवन शैली रोग "मधुमेह "की वजह हमारे शरीर तंत्र की अपनी स्वाभाविकता को भूलना है .दी बॉडी डज़ नाट नो हाव टू रिएक्ट विद इंसुलिन .बेशक सेकेंडरी डायबिटीज़ की वजह खानदानी होतीं हैं लेकिन बे -हिसाब शक्कर का सेवन (एम्प्टी केलोरी इनक्लू -डिड) जीवन शैली रोग (सेकेंडरी डायबिटीज़ )को हवा दे सकता है ।
मिथ :प्राइमरी डायबिटीज़ से ग्रस्त बच्चे कभी भी शक्कर नहीं खा सकते ?मिठाई नहीं खा सकते ?
यथार्थ ?
एक संतुलित खुराख में जितना कार्बो -हाई -ड्रेट्स लिया जा सकता है ,लिया जा सकता है .लेने में कोई हर्ज़ नहीं हैं अलबत्ता कार्बो -हाई -ड्रेट्स से प्राप्त कुल केलोरीज़ का हिसाब -किताब रखना ही होगा .लेकिन कार्बो -हाई -ड्रेट्स वर्जित नहीं हैं ,मिठाई खाने की मनाही नहीं है .असल सवाल यह है आपकी रोजमर्रा की खुराख क्या है ?उसमे कार्बो -हाई -ड्रेट्स है कितना ?
यथार्थ यह है आबाल -वृद्धों ,सभी को ,बच्चे बूढ़े ,जवान को ,ऐसे भोजन से बचना चाहिए जिसमे एम्प्टी केलोरीज़
छा जातीं हैं ,बाकी सबके ऊपर ।
मिथ :बड़े होने पर प्रायामारी
डायबिटीज़ ठीक हो जाती है ,इसी से जुड़ा,यानी ऐसा ही एक और जन विश्वाश ,शादी के बाद मनो -रोग ठीक हो जातें हैं ?
यथार्थ :भाई साहिब जब बच्चा जन्मना ऐसा अग्नाशय लेकर पैदा हुआ है जिसकी बीटा सेल्स नष्ट हो चुकी हैं ,तो उनके स्थान पर इंसुलिन कौन बनाएगा ,राहुल गांधी ?
मुआफी चाहता हूँ इस देश के सभी कांग्रेसियों से .मनीष तिवारियों और जनार्दन द्वि -वेदियों से ।
शादी के बाद मनो -रोग और बढ़ जाते हैं क्योंकि पति पति ही होता है ,देवता या आसमान से उतरा फ़रिश्ता नहीं .(ज़ारी ....).
रविवार, 14 नवंबर 2010
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