ज़ेप नर्व्ज़ फॉर जस्ट वन आवर ,बी फ्री ऑफ़ हाई बी पी फॉर -एवर (दी टाइम ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर १९ ,२०१० )।
परमानेंट फिक्स :दी सिम्पली -सिटी केथीटर सिस्टम डि -ली -वर्स लो पावर रेडियो वेव्ज़ टू डि -एक्टिवेट दी नर्व्ज़ नीयर दी किड -नीज देट फ्यूल हाई ब्लड प्रेशर ।
यकीन मानिए ऐसा भी होता है .एक घंटे का मामूली शल्य कर्म ब्लड प्रेशर से हमेशा हमेशा के लिए भी छुटकारा दिलवा सकता है .लांसेट में प्रकाशित एक अंतर -राष्ट्रीय अध्ययन ने इस ओपरेशन को पूरी तरह सुरक्षित और असरदार माना है ।
इस इलाज़ के तहत एक केथीटर सिस्टम द्वारा कम शक्ति की रेडिओ -तरंगें किडनी के आसपास की नर्व्ज़ को दी -एक्टिवेट कर देतीं हैं (निष्क्रिय बना देतीं हैं ).हाई -ब्लड प्रेशर को यही नसें हवा देतीं हैं .बस एंजियोप्लास्टी प्रोसीज़र की तरह ही ग्रोइन से एक पतली सी ट्यूब(केथीटर की तरह ही ) रक्त वाहिकाओं में पहुंचाई जाती है.यही किडनी के आसपास की नसों कोकम शक्ति की रेडियो -तरंगे डालकर ठप्प कर देती है ,निष्क्रिय बना देती है ।
इस अधययन में शरीक १०० लोगों को इलाज़ मुहैया करवाया गया .इनके रक्त चाप का ऊपरी पाठ औसतन (सिस्टोलिक रीडिंग ,दी कोंत्रेक्शन ऑफ़ दी हार्ट ड्यूरिंग व्हिच ब्लड इज पम्प्द इनटू दी आर्ट -रीज ) ३३ पॉइंट्स कम हो गया .ऐसे में यदि इलाज़ आंशिक तौर भी कामयाब रहता है तब भी हाई -पर -टेंशन से ग्रस्त लोगों के लिए इस से दिल के दौरे ,सेरिब्रल -वैस्क्युलर एक्सीडेंट (ब्रेन -अटेक) और आखिरकार इनसे संभावित मृत्यु का ख़तरा तो कमतर हो ही जाएगा .ड्रग्स रक्त चाप को नीचे लाने में उतना कारगर नहीं रहीं हैं यह कहना मानना समझना है "ब्रिघम एंड वोमेन्स हॉस्पिटल "में हृद -रोगों के माहिर (उप -मुखिया अमरीकी ह्रदय संघ सभा ,शिकागो )का ।
उन मरीजों के लिए यह इलाज़ बेहद उपयोगी रहेगा जो हाई -ब्लड प्रेशर के संग -साथ मधुमेह से भी पीड़ित हैं .बोनस के रू में यह इलाज़ ब्लड सुगर का भी विनियमन करता है .बेहतर ढंग से प्रबंधन और नियंत्रण होता है खून में घुली शक्कर का ।
एक अनुमान के अनुसार सात करोड़ पचास लाख (७५ मिलियन )अमरीकी तथा दुनिया भर में एक अरब लोग जीवन शैली रोग हाई -ब्लड प्रेशर की जद में हैं इनका ब्लड प्रेशर १४०/९० या और भी ज्यादा बना रहता है .ब्लड प्रेशर का आदर्श मान अब ११० /७० माना जाता है .तीन से लेकर चार दवाओं का सहारा लेना पड़ता है तब जाकर इनमे से एक तिहाई का ही ब्लड प्रेशर प्रभावी तौर पर कम हो पाता है .इस नज़रिए से सोचेंगे तो संदर्भित इलाज़ जादुई नजर आयेगा .
शुक्रवार, 19 नवंबर 2010
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