ब्रिटेन में हाल ही में संपन्न एक सर्वे में ट्रेंडी -शूज़ (स्पाइक हील्स /स्तिलेत्तो शूज़ /ऊंची एडी की सेंडिल )पहनने वाली ४००० औरतों से पूछताछ की गई है .पता चला ये तमाम महिलायें जिनकी उम्र १८ -६५ साल तक थी टेक्सी से उतरने के आधा घंटा बाद ही किसी पब ,क्लब या शोपिंग माल में पैरों की पीड़ा से आजिज़ दिखीं .दर्द चेहरे से छलकता नजर आया ।
दस औरतों ने बतलाया आदतन वे एक जोड़ा फ़ालतू जोड़ी लेकर निकलतीं हैं .ये स्पेयर पेयर ऑफ़ पम्पस पीड़ा से छटपटाने के बाद इन्हें पहनने ही पडतें हैं ।
शू इन्सर्ट फर्म इन्सोलिया द्वारा संपन्न इस सर्वे से पता चला इनमे से आधी औरतें जो अदबदाकर ,ट्रेंडी शूज़ पहनतीं हैं आखिर में नंगे पैर घर लौटने को विवश हो जातीं हैं .दस में से एक जूतों से छिटक कर अलग हो जातीं हैं या फिर उधारी जूता किसी और का भी ले लेतीं हैं ।
सर्वे में शामिल कुल औरतों का पांचवां हिस्सा दर्द से बे -परवाह इन्हें फेशन और ट्रेंड के नाम पर पहने रहा ।
किरापदिस्ट (चरण -रोगों का माहिर ,पोडिया -ट्रिस्ट)एरिका गिब्बिंस कहतीं हैं कितनी ही औरतें सर्वे के अन्वेषणों से सहमत होते हुए भी फेशन के नाम पर हास्यास्पद रूप से सब कुछ सहने भुगतने को फिर भी तैयार हैं .इसी तिरिया हट के चलते गत एक बरस में एक औसत ब्रितानी महिला को कमसे कम६ मर्तबा पैरों की पीड़ा से दो चार होना पड़ा है .
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