वर्ल -पूल नदी या समुन्दर के पानी में बनती भंवर क्या है ?उस तैराक को अच्छी तरह मालूम है जो कभी इस भंवर जाल में फंस गया हो ।
ए वलपूल इज ए लार्ज ,स्वर्लिंग बॉडी ऑफ़ वाटर प्रो-द्युस्द बाई ओशन ताईड्स.हर किसी ने कभी कभार नदी खासकर जब उसमे बाढ़ आई हुई हो उफान पर हो या समुन्दर में पानी को लट्टू की तरह चक्कर खाते साथ ही किसी बेले नर्तकी की तरह थिरकते बल खाते आगे बढ़ते ज़रूर देखा होगा ।
ज़रूरी बात है भंवर बनने के लिए बहते पानी के रास्ते में किसी अवरोध ,रेजिस्टेंस ,किसी भी किस्म के बेरियर (पानी के भाव -बहाव में रुकावट पैदा करने वाली कोई भी चीज़ .बस ऐसा होने पर जल एक आघूर्ण गति (स्पिन मोशन )में आ जाता है चक्कर खाता हुआ नर्तन करता ,कुंडली बनाता आगे बढ़ने लगता है .बेहद का बल लिए होता है यह आघूर्ण .बस जल की एंठन और मरोड़ की वजह यही बाधा बन जाती है जो बहते हुए जल का रास्ता रोकने लगती है ।यही तो है भंवरी गति ।
वल्पूल्स कैन अकर इन ए स्माल एरिया व्हेयर ए पीस ऑफ़ लैंड जुट्स
आउट इनटू ए रिवर .यानी स्थल का जल से बाहर की ओर आना ,बहिर्विष्ट होना ,प्रोजेक्ट करना पानी से बाहर आना भी जलावर्त की वजह एक छोटे से घेरे में बनता देखा जा सकता है ।
वर्ल्पूल्स कैन आल्सो अकर इन दी मिडिल ऑफ़ दी ओशन व्हेन वन करेंट मीट्स एन अपोज़िंग करेंट ,एज व्हेन एन इनकमिंग टाइड हिट्स दी एब्ब करेंट ऑफ़ दी लास्ट टाइड .
yaani khule samundar ke beech me jab do vipreet jal dhaaraayen aakar miltin hain .jvaariy jal dhaaraa bhaatiy dhaaraa se gale milne lagti hai .
kabhi kabhaar toofaani havaaye ,vegvati pavnen bhi jalaavart banaane lagtin hain .
strong winds canalso whip up the water into whirlpoools .
रविवार, 28 नवंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें